प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार लछीराम ने श्रंदाजलि अर्पित की.
पैतृक गांव अलीपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम।
 देश के दुर्गम और बर्फीले इलाके जम्मू कश्मिर के कुफवाड़ा क्षेत्र में देश्स की सेवा करते हुए शहीद हुए लांस नायक सचिन डागर का पैतृक गांव अलीपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार लछीराम ने श्रंदाजलि दी। शहीद के बड़े भाई नीतिन ने चिता को मुखाग्नि दी।

सोमवार की सुबह जम्मू-कश्मिर के कुफवाड़ा में तैनात आरआर-21 कंपनी में तैनात अलीपुर निवासी 24 वर्षीय लांस नायक सचिन डागर की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। जिसका पार्थिव शरीर मंगलवार की सायं 5 बजे कुफवाड़ा से अलीपुर उनके पैतृक गांव में लाया गया। जहां पर शहीद के रिश्तेदार, परिजन, गांव के लोग समेत आस पास के गांवों से आए सैकड़ों की संख्यां में लोग पलके बिछाकर आने का इंतजार कर रहे थे। शहीद सचिन डागर का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव मंे पहुंचा। शहीद सचिन डागर अमर रहे के गंगन चुंम्बी नारों से गांव की एक-एक गलियां गूंज उठी। अपने लाडले के अंतिम दर्शन करने के लिए गांव की महिलाएं, बच्चें उस रास्ते के मकानांे की छत पर खड़ंे हो गए। जिस रास्ते से सचिन डागर का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए घर से लेकर जवान चले थे।

राजकीय सम्मान के साथ संस्कार
शहीद सचिन डागर का राजकीय सम्मान के साथ गांव के शमशान घाट में किया गया। प्रशासन की तरफ से सोहना के नायब तहसीलदार लछीराम ने श्रद्वाजंलि दी। भोंडसी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेन्द्र कुमार ने भी श्रद्वाजंलि दी। शहीद के पिता हवासिंह ने भी बेटा को अमर रहे के जयघोष के साथ श्रद्वाजलि दी। वहीं सेना की तरफ से गार्ड ऑॅफ आर्नस दिया गया।  बडे़ भाई ने दी मुखाग्नि शहीद सचिन डागर के बडे भाई नीतिन डागर ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। नीतिन भी सेना में कार्यरत हेै। शहीद के पिता हवासिंह किसान और जिन्दगी भर अपने खेतों मंें फसलें पैदाकर के अपने दोनों बेटों को पाला है। पिता हवासिंह ने बताया कि सचिन का रिश्ता जल्द ही करना था। 12 दिसम्बर को सचिन डागर अपनी चचेरी बहन की शादी धूमधाम से करके सेना में चला गया था। उसके बड़े भाई की शादी भी करीब एक साल पहले की थी।

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