करनाल. हरियाणा के करनाल के जानी गांव के सूबेदार रमेश चन्द्र की बीमार होने औऱ कोविड के कारण मौत हो गई. रमेश चन्द्र जम्मू कश्मीर में बनिहाल के अंदर पोस्टेड थे, बीमार होने के बाद उनका इलाज उधमपुर में आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया, जहां उनकी मौत हो गई. जब उनका पार्थिव शरीर जानी गांव पहुंचा तो राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ और तीन बेटियों ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.

तिरंगे में लिपटा ये भारत मां का जवान है, देश की रक्षा के लिए जम्मू -कश्मीर के बनिहाल में दुश्मनों के इरादों को नेस्तनाबूत करने के लिए डटा हुआ था, कड़ाके की ठंड में ना जोश कम था ना जज्बा, पर इस दौरान सूबेदार रमेश चन्द्र की तबियत खराब हो जाती हैं. और उन्हें इलाज के लिए उधमपुर के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जाता है, वहां से इतनी बुरी खबर आएगी कि पूरा करनाल गमगीन हो जाएगा ये किसी ने सोचा भी नही था.

कुछ दिन पहले ही छुट्टियां बिताकर ड्यूटी पर गए थे जवान रमेश चंद्र

अभी थोड़े दिन पहले तो रमेश चन्द्र छुट्टियों बिताकर अपने घर से ड्यूटी पर गए थे. अभी तो  बेटियों की शादी करवानी थी, अभी तो रिटायरमेंट के बाद अपने परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताना था, क्योंकि 30 साल उनकी नौकरी को हो चुके थे, 45 साल के रमेश चन्द्र कुछ साल में रिटायर भी होने वाले थे. लेकिन उससे पहले इस तरह वो भारत के तिरंगे में लिपटे हुए आएंगे किसी को इस बात का इल्म नहीं था.

आर्मी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत 

सूबेदार रमेश चन्द्र की ड्यूटी बनिहाल में थी, तबियत बिगड़ी उन्हें उधमपुर के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, वहीं रमेश चन्द्र कोविड पॉजिटिव भी थे. जब उनका पार्थिव शरीर गांव जानी में पहुंचा तो सभी की आंखें नम हो गई, परिवार से लेकर गांव के हर सदस्य की आंखों में आंसू थे, गमगीन माहौल था, सेना के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ तिरंगे में लिपटे हुए रमेश चन्द्र को सलामी देकर नम आंखों के साथ विदा किया.

बेटियों ने दी मुखाग्नि, गूंज उठे भारत माता की जय के नारे

रमेश चन्द्र की 3 बेटियां हैं, तीनों की अभी शादी करनी थी, एक पिता के जाने का गम इन 3 बेटियों से ज़्यादा कौन समझ सकता है. तीनों बेटियों ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. सबने भारत माता की जय के नारों के साथ सूबेदार रमेश चन्द्र का अंतिम संस्कार किया. पूरे गांव में मातम का माहौल है. अंतिम विदाई देने के लिए बीजेपी के विधायक हरविन्दर कल्याण भी पहुंचे.

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