सोहना बाबू सिंगला

सरकार लोगों की समस्या का समाधान कराने के लिए धन की कमी नहीं छोड़ती है जिससे कि लोगों को कोई परेशानी ना उठानी पड़े लेकिन नगर परिषद विभाग द्वारा पानी की निकासी के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी बरसात के मौसम में पानी चारों तरफ भरा रह जाता है जिसके कारण लोगों को पानी में से ही निकलना पड़ता है नगर परिषद विभाग ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद जगह जगह खुदाई करवाकर टैंक बनाए गए थे जिससे कि शहर का सारा पानी टैंक में जा सके लेकिन कराए गए गड्ढों में पानी की निकासी ना होने पर सारा पानी शहर के बाजारों में ही भरा रहता है नगर परिषद विभाग के अधिकारी लोगों की समस्या का समाधान कराने में पूरी तरह से विफल है बरसात के समय तो शहर के आम रास्ते पर पानी इस प्रकार जमा हो जाता है कि लोगों को अपने घर व दुकानों पर पहुंचने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है

नगर परिषद विभाग के अधिकारी सरकार द्वारा जारी किए गए फंड को बेवजह खर्च करने में लगी हुई है देखभाल करने के लिए कोई भी कर्मचारी अधिकारी ऐसा नियुक्त नहीं है जो कि खर्च किए गए कार्य पर निगरानी कर सके अधिकारियों का काम केवल कार्य करना है देखभाल करना उनके जिम्मेवारी से अलग है जिसके कारण लोगों को बरसात के मौसम में सड़क पर पानी खड़ा होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है आम नागरिकों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाते होता कहा कि जहां भी सरकार द्वारा निर्माण कार्य पर फंड की राशि भेजी जाती है उनकी जांच कराने के लिए कर्मचारी भी नियुक्त करना चाहिए ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े

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