अंग्रेजों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले डबल जियोपार्डी कानून को किया जाए समाप्त गुडग़ांव, 7 जनवरी (अशोक): गुडग़ांव जिला अदालत में कार्यरत कुछ अधिवक्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर गुहार लगाई है कि एक ही अपराध की कई जगह पर एफआईआर कर हिंदू संतों को परेशान करने की कार्यवाही बंद कराई जाए। हिंदू संतों के खिलाफ इस प्रकार की साजिश रची जा रही है। इस ज्ञापन पर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कांडा उर्फ बालयोगी अलखनाथ ओघड़ सहित कई अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर भी हैं। इन धिवक्ताओं का कहना है कि वे विश्व हिंदू महासंघ, सिद्धयोग मठ व अंतर्राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी संस्थाओं से जुड़े हैं। अंग्रेजों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले डबल जियोपार्डी कानून का इस्तेमाल हिंदू संतों के लिए किया जा रहा है, जोकि गलत है। संविधान में भी कहा गया है कि एक जुर्म की एक ही सजा होगी। एक जुर्म की कई बार सजा करना या करवाने की कोशिश करना संविधान के विपरीत एक दुराचार है। इन अधिवक्ताओं का कहना है कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय दंड संहिता के अतिरिक्त समयानुसार क्राईम एक्ट का भी समावेश किया गया, जिसके अनुसार रिकॉर्ड किए हुए वक्तव्य को एडिट किए कर फारवर्ड व शेयर किए जाने पर उसके साक्ष्य होने की शक्ति पर प्रश्रचिन्ह लग जाता है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है और उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर भी दे दिया है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र के पुणे में भी उन्हीं धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिन धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने मामला दर्ज किया था। उनका कहना है कि एक अतिरिक्त मुकदमा चलाना डबल जियोपार्डी की संज्ञा में आता है, जोकि सरासर असवैंधानिक है। उन्होंने महामहिम से आग्रह किया है कि महामहिम उच्च न्यायालय को ऐसे संदर्भों में सार्वजनिक दिशा-निर्देश जारी कराने के लिएसंज्ञान लें। Post navigation नियम 134ए के तहत पात्र छात्रों का दाखिला ? बेकाबू होता कोरोना… अकेले गुरुग्राम में हरियाणा के 50 प्रतिशत पॉजिटिव केस