निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं अभिभावक
निजी स्कूलों के बाहर डेरा डाले पड़े हैं अभिभावक

गुडग़ांव, 7 जनवरी (अशोक): जरुरतमंद वर्ग यानि कि आर्थिक रुप से कमजोर पात्र छात्रों को नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिला देने के आदेश प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने जारी किए हुए हैं, लेकिन पात्र छात्रों को निजी स्कूल संचालक दाखिला देने में आनाकानी करते आ रहे हैं। वे सरकारी कार्यालयों व निजी स्कूलों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गए हैं, लेकिन पात्र छात्रों को दाखिला नहीं मिल रहा है।

निजी स्कूल कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें परेशान करने पर तुले हैं। इन अभिभावकों का कहना है कि कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गुडग़ांव में प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें अपने बच्चों के दाखिले के लिए स्कूलों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं वे और उनके बच्चे कोरोना संक्रमित न हो जाएं, लेकिन निजी स्कूलों को शायद इससे कुछ लेना-देना नहीं है।

हालांकि जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग निजी स्कूल संचालकों से आग्रह करता आ रहा है कि वे पात्र छात्रों को दाखिला अवश्य दें। प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने भी निजी स्कूल संचालकों से आग्रह किया है कि वे छात्रों को दाखिला दें, अन्यथा उनके खिलाफ शिक्षा विभाग कानून
के अनुसार कार्यवाही भी करेगा। शुक्रवार को शहर के विभिन्न निजी स्कूलों के बाहर अभिभावक डेरा डाले पड़े दिखाई भी दिए हैं। गौरतलब है कि आर्थिक रुप से कमजोर 42 हजार छात्रों को प्रदेश के निजी स्कूलों को दाखिला देने का आदेश दिया हुआ है, लेकिन उन्हें दाखिला नहीं मिल पा रहा है। पहले दाखिले की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 7 जनवरी कर दिया गया है।

7 जनवरी को भी अभिभावक दाखिले के लिए चक्कर लगाते दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि 12 जनवरी तक स्कूल बंद हैं। इन छात्रों के
दाखिले शायद अब 12 जनवरी के बाद ही हो पाएं। हालांकि शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आदेश दिए थे कि वे बच्चों के दाखिले के लिए अपने-अपने स्कूलों में स्टाफ की भी व्यवस्था करें, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

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