उपचार के लिए नेत्र रोगियों का बढ़ता ही जा रहा है इंतजार. कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक 60 नेत्र रोगियों की ही जांच. सप्ताह में एक दिन नेत्र रोग की जांच और 1 दिन ऑपरेशन. नेत्र रोगियों के लिए आई सर्जन डॉक्टर सुशांत पहली पसंद फतह सिंह उजालापटौदी । किसी भी व्यक्ति की आंख में मामूली सी भी तकलीफ हो तो उसकी बेचैनी को वही व्यक्ति जानता है , फिर वह चाहे आंखों से कम दिखाई देता हो या फिर आंख में अन्य कोई परेशानी हो । इसका उपचार केवल और केवल आई सर्जन अथवा नेत्र विशेषज्ञ के द्वारा ही संभव है । आंखों के बिना रंग बिरंगी दुनिया भी अंधेरी खाई और कुएं से गहरी दिखाई देती है। पटौदी के नागरिक सामान्य अस्पताल में जब से आंखों के उपचार की सुविधा और ऑपरेशन किया जाना आरंभ हुए हैं । उसके बाद से पटौदी नागरिक अस्पताल नेत्र रोगियों के लिए सबसे अधिक विश्वसनीय और पहली पसंद बन चुका है। नामी-गिरामी आई हॉस्पिटल में भी उपचार कराने के बाद आंखों के रोग से छुटकारा नहीं पाने के बाद अनेक नेत्र रोगी पटौदी नागरिक अस्पताल में कार्यरत आई सर्जन अथवा नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुशांत से उपचार करवाकर उनको अपने लिए भगवान ही मानते चले आ रहे हैं । अब यह जानकर हैरानी होगी की कोरोना कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक पटौदी नागरिक सामान्य अस्पताल में आंखों के उपचार के लिए 15 जनवरी तक ओपीडी में एडवांस बुकिंग हो चुकी है । इसका सीधा सा मतलब यही है कि जो भी नेत्र रोगी अपना उपचार करवाना चाहते हैं उनको 16 जनवरी के बाद का ही समय उपलब्ध हो रहा है । कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक 1 दिन में 60 नेत्र रोगियों की जांच करने के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निर्देश दिए गए हैं । वही जो व्यवस्था की गई है , उसके मुताबिक सप्ताह में एक दिन नेत्र रोगियों की जांच की जाती है और एक दिन जरूरतमंद नेत्र रोगियों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं । इस प्रकार से सप्ताह में 3 दिन आंखों की जांच और 3 दिन आंखों के ऑपरेशन का काम आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा के द्वारा अपनी टीम के सहयोग से किया जा रहा है । इस बीच यहां आने वाले दूरदराज के नेत्र रोगियों से भी कई बार बातचीत की जाने पर यह बात सामने निकल कर आई है कि बड़े से बड़े और विख्यात आई हॉस्पिटल-सर्जन का उपचार करवाने के बाद भी आंखों की संबंधित बीमारी अथवा तकलीफ कम नहीं होने पर जब यहां पटौदी नागरिक अस्पताल में आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा से जांच करवाई गई उसके बाद उनके द्वारा किए गए उपचार की बदौलत आंखें पूरी तरह से ठीक भी हो चुकी। ऐसे एक नहीं अनेकों नेत्र रोगी डॉक्टर सुशांत शर्मा को अपने लिए भगवान का दर्जा देते चले आ रहे हैं । लेकिन इस बीच जो बड़ी चिंता का कारण और विषय सामने निकल कर आ रहा है वह यहां पटौदी अस्पताल में नेत्र रोगियों के ऑपरेशन के लिए लगाए जाने वाले अथवा डाले जाने वाले लेंस की संख्या को देखते हुए पर्याप्त संख्या में ही स्टॉक में नहीं बचे हैं । सूत्रों के मुताबिक कथित रूप से दर्जनभर ही नेत्र रोगियों के लिए लेंस का स्टॉक बचा होगा , इसमें भी समस्या यह है कि अलग-अलग नंबर के लेंस जरूरत के अनुसार नेत्र रोगियों को लगाए जाते हैं । औसतन सबसे अधिक डिमांड 18 से 22 नवबर तक के आई लेंस की बनी रहती है । पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल में पहला आंखों का ऑपरेशन 3 जुलाई 2020 को आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा के द्वारा किया गया था । इसके बाद से विभिन्न प्रकार के आंखों के ऑपरेशन की संख्या करीब एक हजार तक पहुंच चुकी है । जिस तेजी और अनुपात में पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल में नेत्र रोगियों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं, उसके साथ ही यहां पर आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा के प्रति नेत्र रोगियों का विश्वास दिन पर दिन मजबूत बनता जा रहा है । पटौदी नागरिक अस्पताल की आंखों के उपचार की यूनिट में आंखों की जांच के लिए श्रेष्ठतम जांच उपकरण उपलब्ध है । आंखों की अल्ट्रासाउंड करके भी आंखों में किसी भी प्रकार की बीमारी का पता लगाया जा सकता है । जानकारी के मुताबिक पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पास नेत्र रोगियों के ऑपरेशन में जरूरत के लिए कम से कम 500 लेंस की डिमांड भेजने के साथ जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया गया है। Post navigation स्वतंत्रता सेनानियों की मिट्टी लेकर लौटे भाजपा कार्यकर्ता कोरोना नए वेरिएंट का कहर गुरुग्राम में ओमिक्राॅन के 34 केस !