हैल्प डेस्क पर अब लोग इन नंबरों पर 91387-10100, 91387-99100 करवा सकेंगे अपनी समस्याओं का समाधान।हैल्प डेस्क से मिल रहे अच्छे परिणामों को देखते हुए अब जिला नगर आयुक्त कार्यालय के साथ-साथ नप कार्यालय में भी कार्यकारी अधिकारी की देखरेख में काम करेगी डेस्क। कुरुक्षेत्र 31 दिसंबर नगर परिषद थानेसर द्वारा लोगों की समस्याओं को नोट कर उन्हें निर्धारित समय में खत्म करने के उदृदेश्य से शुरु की गई हैल्प डेस्क को अब नया नंबर 91387-10100 जारी किया गया है। इस नंबर पर आने वाली समस्याओं को जहां नगर परिषद थानेसर के कार्यालय में नोट किया जाएगा। वहीं दूसरी हैल्प डेस्क जिसका नंबर 91387-99100 है। इस पर आने वाली समस्याओं की मॉनिटरिंग खुद जिला नगर आयुक्त द्वारा की जाती है। इस प्रकार हैल्प डेस्क के अच्छे परिणाम आने पर अब नप कार्यालय में भी हैल्प डेस्क शुरु कर दी गई है। नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक रुपरविंद्र बिश्नोई को नया नंबर 91387-99101 व सफाई निरीक्षक संजय कुमार लाम्बा को 91387-99102 ये नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर संबंधित कर्मचारियों को नेट की भी सुविधा मिलेगी। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह रोहिल्ला ने जानकारी देते बताया कि हैल्प डेस्क का नंबर अब बदल दिया गया है और उसकी जगह नए नंबर जनता के लिए जारी किए गए है। हैल्प डेस्क शुरु होने से शहर के लोगों को काफी फायदा हो रहा है और लोग घर बैठकर ही नप से संबंधित समस्याएं फोन पर नोट करवा रहे हैं। इस प्रकार लोगों को नगर परिषद कार्यालय में आने की भी जरुरत नहीं है। इन समस्याओं का ऑनलाईन रिकार्ड भी मेंटेंन किया जा रहा है। हैल्प डेस्क पूरी तरह से लोगों की हैल्प कर रही है। इस डेस्क पर आने वाली समस्याओं को निर्धारित समय में समाधान करवाया जाता है। इस डेस्क पर साफ-सफाई, गंदी व अवरुद्व नालियां, सफाई कर्मचारी न आने बारे, कूड़ा उठाने के लिए घर-घर आने वाले टिप्पर, स्टीट लाईटें, फोगिंग, पार्क की सफाई व मृत पशुओं को उठाना इत्यादि सहित अन्य नप से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान किया जाता है। इस अवसर नगरपरिषद कार्यालय से सचिव अजीत अरोड़ा, एक्सईएन सुरेंद्र सिंह, केएल बठला व अनूप सिंह आदि मौजूद थे। Post navigation जल जीवन मिशन के केआरसी ग्रीन अर्थ द्वारा कुरुक्षेत्र के बीड़ सुजरा गाँव में करवाई गई एक्सपोजर विजिट कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के हितों के सदैव संकल्पबद्ध : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा