गुरुग्राम, 31 दिसम्बर – श्री गुरुगोविंद सिंह ट्राईसेंटरी युनिवर्सिटी के उप-कुलपति प्रो. रमेश चंदर कुहाड़ को वैश्विक स्तर के वैज्ञानिकों में शीर्ष स्थान प्रदान किया गया। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 2020 का स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने यह सर्वे किया। दुनिया भर में 325वें स्थान तथा भारत में 14वें स्थान पर इस उपलब्धि को माना गया। देखा जाए तो यह बड़ी उपलब्धि है, जो कि दो प्रतिशत ही देखी जा सकती है।

प्रो. रमेश चंदर कुहाड़ जैव प्रौद्योगिकी के जाने-माने वैज्ञानिक माने जाते हैं। वे हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। प्रो. कुहाड़ जैव प्रौद्योगिकी विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और अध्यक्ष के पद पर भी थे।

उनका प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र माध्यमिक कृषि (फसल-दर-उत्पाद) जैव प्रौद्योगिकी है, जिसमें लकड़ी (लिग्नोसेल्यूलोज) शामिल हैं, जो एंजाइम उत्पादन को कम करते हैं और जैव-विरंजन, जैव-रेटिंग, जैव-डिंकिंग और पशु चारा और बायोएथेनॉल के उत्पादन में उनका प्रयोग होता है। वह पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पेपर पल्प को ब्लीच करने का विचार रखने वाले पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने सॉलिड-स्टेट फंगल किण्वन और बायोएथेनॉल के उत्पादन के लिए एक अभिनव प्रक्रिया के बाद गेहूं के भूसे के जैव-रूपांतरण के लिए पोषक रूप से समृद्ध और सुपाच्य पशु आहार में एक बेहतर प्रक्रिया विकसित की है। उन्होंने डीबीटी, डीएसटी, यूजीसी, सीएसआईआर, एमओईएफ और एमएनआरई से वित्त पोषित 18 से अधिक परियोजनाओं को पूरा किया है। 200 से अधिक प्रकाशनों में लिखने और 5 पुस्तकों के संपादन के अलावा, उनके पास क्रॉप-बाय-प्रोडक्ट बायोटेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में 4 पेटेंट भी हैं।

उनकी लगन शीलता और मेहनत के कारण उन्हें ‘फेलो ऑफ एकेडमी ऑफ माइक्रोबायोलॉजिकल साइंसेज (एफएएमएससी)’, ‘फेलो ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (एफएनएससी)’, ‘फेलो ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (एफएनएएएस)’, और फेलो ऑफ बायोटेक रिसर्च सोसाइटी (एफबीआरएस)’ प्राप्त हुआ है।

और, उनकी उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं होती हैं। प्रो. आर.सी. कुहाड़ इंडियन एकेडमी ऑफ माइक्रोबायोलॉजिकल साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष हैं और उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लॉन्ग लर्निंग (आईएलएलएल), दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा, वह ‘एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया’ के महासचिव (2004-2010) और अध्यक्ष (2011-2012) रह चुके हैं।