गुडग़ांव, 28 दिसम्बर (अशोक): आजादी के अमृत महोत्सव पर आजाद हिंद फौज के सेनानियों का शिलालेख पट्ट एवं म्यूजियम बनाने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम प्रदेश के सामाजिक न्याय व अधिकारिता एवं सैनिक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश यादव को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया है। आजाद हिंद फौज के गुमनाम सेनानियों को पहचान दिलाने में प्रयासरत सामाजिक कार्यकर्ता श्रीभगवान फौगाट की अगुवाई में यह ज्ञापन दिया गया। श्रीभगवान ने बताया कि ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में आजाद हिंद फौज के सेनानियों का शिलालेख पट्ट एवं उनकी यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए म्यूजियम बनाया जाए। उनका कहना है कि देश की आजादी में प्रदेश के आजाद हिंद फौज के सेनानियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आने वाली पीढिय़ां इन सेनानियों को याद रखें और इनसे देशभक्ति के लिए भी प्रेरित हों, इस सबके लिए शिलालेख पट्ट एवं म्यूजियम का निर्माण बहुत जरुरी है। उनका कहना है कि नेताजी की सेना के गुमनाम सिपाहियों का रिकॉर्ड आजाद हिंद फौज परिजनों तक पहुंचाना आजादी के अमृत महोत्सव पर उनका समुचित सम्मान होगा। पूर्व की सरकारों ने स्वतंत्रता सेनानियों को आजाद हिंद फौज के सेनानी का दर्जा देने में भेदभावपूर्ण नीति अपनाई है। ये सेनानी देश की धरोहर हैं और इनकी बदौलत ही देशवासी खुली हवा में सांस ले रहे हैं। अखंड भारत के प्रथम प्रधानमंत्री सुभाषचंद्र बोस को अनेकों देशों द्वारा मान्यता दी गई थी और उन्होंने 30 सितम्बर 1943 को आजाद भारत का झण्डा अंडमान निकोबार में फहराया था, लेकिन इतिहास कारों ने इस महत्वपूर्ण घटना को भी देशवासियों से छिपाए रखा है। फौगाट का कहना है कि मंत्री ओमप्रकाश यादव ने सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में डा. आरके जांगड़ा, जितेंद्र कुमार, सुभाष सिंह, अशोक यादव, राजीव सिंह, रामनिवास, उम्मेद सिंह, विनय कुमार व संजय सिंह शामिल थे। Post navigation महामना मदन मोहन मालवीय जयंती व अटल स्मृति दिवस समारोह का आयोजन …… नेताओ पर कार्यवाही से कतराता नगर निगम