विदेश से आने वाले एक महीने तक लोगों से मिलना-जुलना ना रखें-सीएम

– कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने की तैयारियों का सीएम ने लिया जायजा
– सीएम ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की
– 134ए के तहत पात्र विद्यार्थियों को जल्द दाखिला दिलाने के लिए इनकम वेरिफिकेशन के दिए गए आदेश

गुरुग्राम, 28 दिसंबर। कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट फैलने के दृष्टिगत विदेश से आने वाले लोग एक महीने तक ऑब्जर्वेशन में रहेंगे। वे चाहे अपने घर में ही रहें लेकिन आइसोलेशन में रहें और महीने भर तक लोगो से मिलना जुलना ना रखंे।       

ये आदेश मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मंगलवार को प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ वीडियों कॉन्फें्रसिंग बैठक में दिए हैं। उन्होंने गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग से कोरोना संक्रमण के बारे में चर्चा की और उसके ईलाज की तैयारियों की रिपोर्ट ली। उपायुक्त डा. गर्ग ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि गुरूग्राम जिला में अब कोरोना संक्रमण के केस बढे हैं परंतु ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए जिला में पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। मंगलवार को भी सरकारी तथा निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ इस बारे में बैठक कर चर्चा की गई है। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रॉन को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जाए। आवश्यक हो तो उन्हें होम आइसोलेट किया जाए। एक जनवरी से वैक्सीन की दोनो डोज लेने वालों का ही सार्वजनिक स्थलों पर प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। इसके इलावा, मास्क लगाने, हाथ धोने और उचित दूरी रखने जैसे निर्देशों का पालन दृढता से किया जाए। 15 से 18 वर्ष के किशोरों व युवाओं का 3 जनवरी से कोरोना टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, 60 वर्ष से अधिक आयु व गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को 10 जनवरी से बुस्टर डोज भी लगनी शुरू हो जाएगी।

गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के संबंध में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेशभर में 134-ए के तहत विद्यार्थियों का चयन हुआ है परंतु इनमें उन परिवारों की आय की पुष्टि करवानी जरूरी है। उपायुक्त अपने जिला में जल्द से जल्द जिला शिक्षा अधिकारियों से इनकी सूची लेकर इनकम वैरिफिकेशन करने का काम पूरा करवाएं ताकि पात्र विद्यार्थियों को स्कूलों में दाखिला मिल सके। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ाएगी। बीते दिनों हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है।

समाज सेवा करने के इच्छुक व्यक्तियों तथा सेवा निवृत कर्मचारियों व अधिकारियों को मौका देने के लिए शुरू किए गए समर्पण पोर्टल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवानिवृत अधिकारी तथा कर्मचारी इस पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं, जिससे उन्हें समाज सेवा का अवसर मिलेगा और उनका समय भी अच्छा व्यतीत होगा। उन्होंने कहा कि हर जिले में सेना एवं सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अधिकारियों की बड़ी संख्या है। ऐसे लोगों को सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए समर्पण पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जिला उपायुक्तों को इन लोगों से बैठक कर संपर्क स्थापित करना चाहिए।       

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी एडीसी को परिवार पहचान पत्र के काम को संवेदनशीलता के साथ पूरा करना चाहिए। सभी का लक्ष्य गरीब और जरूरतमंद परिवार को आगे बढ़ाना है। इससे जुड़े अलग-अलग आइडिया पर काम करना चाहिए ताकि समयबद्ध तरीके से लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। हमें पूरे जिले को आत्मनिर्भर बनाना है, युवाओं को नौकरी की तरफ नहीं बल्कि रोजगार की तरफ लेकर जाना है ताकि वे नौकरी लेने वालों की बजाए, नौकरी देने वालों की कतार में हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के तीसरे चरण का काम पूरा हो गया है। चौथे चरण का काम जल्द शुरू हो जाएगा। आने वाले दिनों में बहुत सी योजनाओं का लाभ इसके माध्यम से मिलने लगेगा। इस काम में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 55 साल से ऊपर है और अपना काम करना चाहते हैं, उनके लिए भी किसी स्कीम में विशेष प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 7 जनवरी, 2022 से प्रदेशभर में अंत्योदय मेलों का दूसरा चरण शुरू होगा। पहले चरण में 156 मेले आयोजित किए गए थे। इसमें डेढ़ लाख परिवारों में से 90 हजार ने हिस्सा लिया। इसमें आए बहुत से लोगों का ऋण भी मंजूर हो गया है। इन मेलों का मकसद गरीब परिवारों का रोजगार की तरफ रूझान बढ़ाना है। ऐसे परिवारों के लिए अच्छी स्कीम बनाने वाले एडीसी को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने  मेरी फसल-मेरा ब्यौरा स्कीम की भी समीक्षा की और इसके लिए ग्रामीण स्तर पर कैंपों का आयोजन कर, ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस संदर्भ में जागरूक करने के निर्देश दिए। इसके साथ-साथ जिन किसानों ने पंजीकरण करवा लिया है उनके नाम का चार्ट गांवों में लगाने को कहा।

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