-डीटीपी की जिला टास्कफोर्स की बैठक में डीसी ने दिए आदेश– अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों पर निगरानी के लिए जिला में 12 हजार एकड़ क्षेत्र का किया जा रहा ड्रोन सर्वे’– ’लाइसेंसशुदा कॉलोनी में अवैध रूप से चल रही कमर्शियल गतिविधियों पर भी सख्ती बरतने के निर्देश’ गुरुग्राम,28 दिसंबर। गुरुग्राम जिला में अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों की शुरुआती तौर पर ही पहचान कर इस पूरी प्रकिया से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। साथ ही लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों में अवैध रूप से चल रही कमर्शियल गतिविधियों से भी सख्ती से निपटा जाए। ये आदेश उपायुक्त डा. यश गर्ग ने मंगलवार को ग्राम एवं नगर योजनाकार विभाग की जिला टास्कफोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में बताया गया कि फरूखनगर क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं, जिस पर उपायुक्त ने डीटीपी को अगले 15 दिन में कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिला में सभी विभाग अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों अथवा अवैध कॉलोनियों में किए जा रहे निर्माण कार्य को शुरुआती स्तर पर ही रोके। साथ ही इंफोरेसमेन्ट कार्य से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय बनाते हुए लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों में अवैध रूप से चल रही कमर्शियल गतिविधियों से भी सख्ती से निपटे। बैठक में जिला नगर योजनाकार आर एस बाट ने बताया कि उपायुक्त की अनुमति के बाद जिला में अवैध रूप से विकसित होने वाली कॉलोनियों पर निगरानी के लिए ड्रोन सर्वे का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। अभी तक गढ़ी हरसरू व पालम विहार एरिया का करीब तीन हजार एकड़ क्षेत्र का सर्वे किया जा चुका है। वर्तमान में यह सर्वे कार्य भौंडसी क्षेत्र में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त अभियान के तहत जिला में 12 हजार एकड़ पर सर्वे कार्य किया जाना है। इस दौरान उन्होंने सुशांत लोक फेज वन में कमर्शियल गतिविधियों से जुड़ी प्रॉपर्टी को सील करने की विस्तृत रिपोर्ट भी उपायुक्त के समक्ष पेश की। उन्होंने बैठक में बताया कि डीएलएफ के फेज 1 व 2 सहित सुशांत लोक के फेज 1,2 व 3 में काफी संख्या में अवैध रूप से कमर्शियल गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है जिनको तत्काल प्रभाव से सील करने की जरूरत है। उपायुक्त ने इस पर अपनी सहमति देते कहा कि लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों में गेस्ट हाउस जैसी कमर्शियल गतिविधियों को अनुमति देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नई पॉलिसी बनाई गई है। इस पॉलिसी के तहत एक माह में सभी गेस्ट हाउस का सर्वे कराया जाएगा और जो नियमों के विरुद्ध होगे उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। डॉ गर्ग ने बैठक में सरस्वती कुंज में अवैध निर्माण व अतिक्रमण के खिलाफ 15 जनवरी से पहले एमसीजी व डीएचबीवीएन द्वारा संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान उन्होंने डीएचबीवीएन के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी में यदि कोई प्रॉपर्टी धारक प्रारंभिक स्तर पर नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे बिजली कनेक्शन ना दिया जाए। इस अवसर पर बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता कुलदीप नेहरा व एस.एस जाखड़ भी उपस्थित थेे। Post navigation कांग्रेसियों ने मनाया 137वां स्थापना दिवस विदेश से आने वाले एक महीने तक लोगों से मिलना-जुलना ना रखें-सीएम