गुरुग्राम, 23 दिसंबर।  दिव्यांग व्यक्तियों को दया नहीं बल्कि उन्हें समाज का सहयोग चाहिए। ये विचार दिव्यांगता व्यक्तियों के लिए नियुक्त राज्य आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक के दौरान  व्यक्त किए। वे बुधवार व वीरवार को गुरूग्राम तथा नूंह जिलों के दो दिवसीय दौरे पर आए हुए थे।       

श्री मक्कड़ ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाएं और राज्य सरकार मिलकर दिव्यांगजनों के जीवन में रोशनी ला सकती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं, जिनका लाभ उन तक पहुंचाना संस्थाओं और सरकारी विभागों की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि वे राज्य आयुक्त के तौर पर दिव्यांगजनों के पैट्रन हैं और उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा क्योंकि वे मानते हैं कि नर सेवा ही नारायण सेवा है।       

उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर 2021 को दिव्यांगजनों के लिए एक पोर्टल खोला गया है, जिस पर दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए सुझाव भेजे जा सकते हैं तथा कहीं पर दिव्यांगजनों के लिए जो सुविधाएं होनी चाहिए, वे नहीं हैं, उसके बारे में भी शिकायत भेजी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि इस पोर्टल पर केवल दिव्यांगजन ही शिकायत भेजें बल्कि कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ये सुझाव अथवा शिकायत https://scpd.haryana.gov.in/ पर भेजे जा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दिव्यांगजनों की समस्याओं के निपटारे के लिए प्रत्येक जिला में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की हुई है, जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी को सदस्य सचिव तथा नोडल अधिकारी बनाया हुआ है।     

  श्री मक्कड़ ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए जो सुविधाएं होनी चाहिए, यदि वे सुविधाएं किसी परिसर में उपलब्ध नही है और शिकायत करने के बाद भी वे सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई जाती तो राज्य आयुक्त पहली बार में 10 हजार रूपए तक का जुर्माना लगा सकता है। फिर भी यदि उस परिसर का मालिक या संचालक वह सुविधा नहीं देता है तो दूसरी बारी में उस पर 50 हजार रूप्ए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।     

  उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है। श्री मक्कड़ ने बताया कि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन उनका लाभ लेने के लिए उन्हंे दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी है। इसमें यह ध्यान रखा जाए कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने में उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई ना हो। श्री मक्कड़ ने बताया कि पहले दिव्यांगता प्रमाण पत्र केवल जिला स्तर पर बनाए जाते थे लेकिन अब यह सुविधा उप मण्डल स्तरीय अस्पतालों में भी 15 अगस्त से शुरू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि इस प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांगजन को अपने नजदीकि सीएससी सैंटर पर जाकर आवेदन करना है, उसके बाद सिविल सर्जन अथवा अधिकृत चिकित्सक द्वारा उन्हें तिथि व समय निर्धारित करके डाक्टरी के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए सरकारी स्कूलों में वजीफा योजना चलाई जा रही है तथा हाल ही में हरियाणा सरकार ने हर हित रिटेल स्टोर खोलने की योजना शुरू की है जिसमें भी दिव्यांगजनो को वरीयता दी जाती है। यही नहीं, हाल ही में हरियाणा सरकार ने 9 प्रतिभावान दिव्यांग बच्चों को विदेश मंे शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा है

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