गुरुग्राम – अगर कोई नेता या खुद मुख्यमंत्री जी ये सोचते है कि उनके द्वारा गुरुग्राम की जनता से किये झूठे वादों को जनता भूल जायेगी, तो अब ये इतना आसान नही होगा क्योंकि अब भाविका हिंदुस्तानी और पार्थ हिंदुस्तानी जैसे 10-12 वर्ष के बच्चे भी हो रहे है जागरूक।

अभी हाल ही में भाविका और पार्थ ने लगतार दूसरी बार खेड़की धौला टोल को शिफ्ट को लेकर उठायी आवाज। बच्चो ने अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से सरकार और आम जनता को जगाने का काम बखूबी किया है। बच्चो की इस रिपोर्टिंग ने साफ कर दिया कि अब जनता को झूठे वादों से बहकाना इतना आसान नही है। वे अपने हक की आवाज उठाना जानते है।

बच्चो ने रिपोर्टिंग के माध्यम से यह भी बताया कि किस प्रकार टोल के कर्मचारी जरा सी अनजानी गलती होने पर जनता के साथ दुर्व्यवहार करते है और गाली गलौच करते है। टोल के कर्मचारी इतने बदतमीज भी है कि आमजनता पर गालियों की बौछार के साथ ही मारपीट करने से भी पीछे नही हटते।

भाविका और पार्थ ने सरकार के झूठे वादे को बड़े सकारत्मक रूप में पेश करते हुए अच्छे से सरकार की खिंचाई करने के साथ ही आमजनता पर भी तंज कसा कि किस प्रकार आम जनता सिर्फ जात के नाम पर वोट डालती है जैसे अपना नेता नही , अपना जीजा चुन रही हो।
भाविका और पार्थ ने राजनैतिक पार्टियों के स्पोर्ट्स पर भी तंज कसा कि वे अपना भाईचारा भूल कर एक दूसरे को चमचा या अंदभक्त बोलकर आपस मे ही लड़ते रहते है।

दोनों बच्चे देश और प्रदेश की जनता को जागरूक करने के लिये नुक्क्ड़ नाटक भी करते रहते है ताकि आमजनता अपने हक और मतदान के प्रति जागरूक होकर सही और ईमानदार उम्मीदवार चुने चाहे उनका उम्मीदवार जीते या हारे। क्योकि अंत मे जवाब खुद को देना होता है कि हमने वोट ईमानदारी से किया या नही।

बच्चो का मुख्य लक्ष्य यही है कि जनता ईमानदारी से वोट करे ताकि सकारत्मक राजनीति का आरंभ हो।

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