– *नियुक्ति के लिए राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री का जताया आभार *– नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन तथा शैक्षणिक एवं बुनियादी विकास को गति देना प्राथमिकताः प्रो दिनेश कुमार– उभरती प्रौद्योगिकी पर आधारित नये पाठ्यक्रम होंगे शुरू, इनोवेशन एवं स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने पर रहेगा फोकस गुरुग्राम, 23 दिसंबर – प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिष्ठित होमी जहांगीर भाभा पुरस्कार से सम्मानित प्रो. दिनेश कुमार ने आज गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया। प्रो. दिनेश कुमार विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति हैं और उन्होंने विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ मार्कंडेय आहूजा का स्थान लिया है। अपनी नियुक्ति पर हरियाणा के राज्यपाल और कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार जताते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जिन आकांक्षाओं एवं विश्वास के साथ विश्वविद्यालय का कार्यभार उन्हें सौंपा गया है, वह उन्हें पूरा करने तथा विश्वविद्यालय को प्रत्येक क्षेत्र में बुलंदी पर ले जाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन, विश्वविद्यालय को नैक मान्यता के लिए तैयार करना और चल रहे शैक्षणिक और बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को गति देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय अपेक्षाकृत एक नया विश्वविद्यालय है और साइबर सिटी गुरुग्राम में स्थित होने का इसे विशेष लाभ है। विश्वविद्यालय में स्थानीय उद्योगों और कॉर्पोरेट क्षेत्र की कार्यबल आवश्यकता को पूरा करने की पूरी क्षमता है। विश्वविद्यालय का फोकस उभरती प्रौद्योगिकी पर आधारित नये पाठ्यक्रम शुरू करने और युवाओं को नवाचार और स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने पर होगा ताकि हरियाणा के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। प्रो. दिनेश कुमार ने संस्थापक कुलपति के रूप में डॉ मार्कंडेय आहूजा के योगदान की सराहना की और कहा कि डॉ. आहूजा को विश्वविद्यालय में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ आहूजा की अधूरी परियोजनाओं को आगे बढ़ना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने डॉ मार्कंडेय आहूजा को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। एक कुशल प्रशासक, शिक्षाविद्, प्रबुद्ध शोधकर्ता एवं अपनी नेतृत्व क्षमताओं के लिए खास पहचान रखने वाले प्रो दिनेश कुमार वर्ष 2015 से 2021 तक जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति रहे है। कुलपति के रूप में उनका कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय मानक एजेंसियों नैक, एनबीए और एनआईआरएफ से मान्यता एवं रैंकिंग प्राप्त करने में सफलता हासिल की। उन्होंने महान भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस के साथ विश्वविद्यालय का नाम जोड़ा और विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में पहचान दिलाई। उनके प्रयासों से विश्वविद्यालय को संबद्धता दर्जा तथा दूसरे परिसर के लिए भूमि का आवंटन संभव हुआ। शिक्षाविद के रूप में प्रो. दिनेश कुमार का करियर 30 वर्षों से अधिक का रहा है। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मास्टर और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनके अकादमिक करियर की शुरुआत वर्ष 1987 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में लेक्चरर के रूप में हुई थी। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलाॅजी के निदेशक रहे है तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान विभागाध्यक्ष भी रहे है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ को सक्रिय बनाने में उनका विशेष योगदान रहा। प्रो. दिनेश कुमार को 3 जनवरी, 2016 को मैसूर में आयोजित 103वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा होमी जे. भाभा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था जोकि देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में उनके योगदान के लिए दिया गया। वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्राप्त करने वाले हरियाणा के पहले वैज्ञानिक है। उन्हें आल इंडिया काउंसिल आफ ह्यूमन राइट्स, लिब्रटीज एंड सोशल जस्टिस द्वारा द्वारा सबसे प्रतिष्ठित कुलपति पुरस्कार और शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए रैंकबंधु साहित्य अकादमी द्वारा रैंकबंधु शिक्षा शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। वह भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन में मेटीरियल साइंस सेक्शन के अध्यक्ष भी रहे है। प्रो. दिनेश कुमार के 130 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। Post navigation गुरुग्राम, खेड़की धौला टोल: भाविका-पार्थ हिंदुस्तानी ने मुख्यमंत्री और विधायक को याद दिलवाया उनका वचन ऊंची कूद में छात्रा सुनीता और छात्र नितिन रहे विजेता