गुरुग्राम, 23 दिसम्बर। एंटरप्रेन्योर कैफे के छठे वार्षिक वैश्विक सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार सीमा गिल को सम्मानित किया गया है। स्थानीय होटल लीला एंबिएंस में आयोजित हुए इस वार्षिक सम्मेलन में दुनिया भर के स्टार्टअप्स के लिए अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है। भारत में विकास की गति धीमी होने के कोई संकेत नहीं दिख रही है।

सीमा गिल जो खुद एक पत्रकार रह चुकी हैं हाल ही में उन्होंने भी अपना एक स्टार्टअप शुरू किया है। इसी के चलते उन्हें यहाँ सम्मानित किया गया है।

इस अवसर पर एसआईआईसी आईआईटी कानपुर के सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक साल में, भारत ने हर महीने तीन यूनिकॉर्न जोड़े हैं, अगर मिलाकर देखे तो इनकी कुल संख्या क़रीबन 50 से अधिक हो गई है।

स्टार्टअप और नये उद्यमियों के लिए भारत एक उभरता हुआ बाजार है। हालांकि नए व्यवसायों के लिए, कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं जिन पर विजय पाना बहुत कठिन है। इन चुनौतियों पर काबू पाने के बिना उद्यमी और स्टार्टअप एक बड़े व्यवसाय का निर्माण नहीं कर सकते।

एंटरप्रेन्योर कैफे के ज़रिये समान विचारधारा वाले लोग, उद्यमी, निवेशक, व्यवसायी, राजनयिक, नौकरशाह, सभी को एक साथ लाया जा रहा है ताकि देश में नये उद्यमियों के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार हो सके।एंटरप्रेन्योर कैफे में अभी तक सौ से ज्यादा देशों में 45 हजार से अधिक उद्यमी जुड़े हुए हैं। सीमा गिल ने कहा है कि असफलता से डर कर स्टार्ट-अप्स को खुद को रोकना नहीं चाहिए। हम लोगों को मानसिक रूप से बदलने की कोशिश कर रहे है क्योकि हमारे देश को विश्व स्तर पर सफल बनाने के लिए जोखिम लेने और उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने के लिए आम जनता की मानसिकता में बदलाव की जरूरत है।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार में विधायक आतिशी मलेरना ने बताया कि भारत कैसे स्टार्टअप और व्यावसायिक मानसिकता को बढ़ावा दे सकता है जिससे अर्थव्यवस्था का विकास होगा। उन्होंने दिल्ली सरकार के मास्टर स्ट्रोक स्टार्ट-यूपी कार्यक्रम बिजनेस ब्लास्टर्स के बारे में भी चर्चा की।

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने भारतीय स्टार्टअप और आगामी व्यवसायों के लिए प्रमुख चुनौतियों और अवसरों पर खुलकर बात की। उन्होंने स्टार्टअप कंपनियों को यह चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया कि एनडीएमसी, स्टार्टअप उद्यमी के लिए कैसे मदद कर सकती है और कैसे उन्हे बेहत्तर अवसर प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि स्टार्टअप कम्पनियों जब सरकार के साथ काम करना चाहती है तो कई तरह की दिक़्क़तें सामनें आती है लेकिन हम चाहते है नई प्रतिभाएँ सामने आएं। उपाध्याय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री इस बारे में पहले ही प्रतिबद्ध हैं और उन्होनें देश को स्टार्टअप इंडिया के रूप में एक बड़ा मिशन दिया है। इस सम्मेलन का आयोजन निखिल अग्रवाल द्वारा किया गया।

error: Content is protected !!