मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नही करवा पा रही पुलिस

गुरुग्राम। 2018 से गुरुग्राम में खुले में नमाज को ले चले आ रहा विवाद लगा पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान के बाद समाप्त हो जाएगा किन्तु ऐसा नही हुवा। मुख्यमंत्री के बयान के बाद भी गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ी गई और वहां स्थानीय लोगो ओर हिन्दू संघठनो ने जा कर विरोध भी किया।

सेक्टर 37 में में तो ग्रामीणों ओर हिन्दू संघठनो ने कीर्तन ओर भंडारे का आयोजन किया वही उद्योग विहार में माहौल गर्म नज़र आया जब वहां 1 पार्क में नमाज पढ़ रहे मुस्लिमो को हिन्दू संघठनो ओर स्थानीय लोगो ने रोकने का प्रयास किया। वहां पहुचे हिन्दू संगठन के लोगो ने जबरदस्ती वहां मौजूद लोगों से भारत माता की जय ओर पाकिस्तान मुदाबाद के नारे भी लगवाए। हिन्दू संघठनो का कहना था कि 4,5 पीढ़ी पहले ये भी हिन्दू ही थे चाहे तो डीएनए चेक करवा लो। उद्योग विहार में ज्यादा गहमागहमी होने पर पुलिस ने बीच बचाव करवाया। वही देखा जाए तो प्रदेश में मुख्यमंत्री की बयान की भी कोई अहमियत नही है। जब पिछले हफ्ते खुद मुख्यमंत्री खुले में नमाज न करने का बयान दे चुके है ऐसे में पुलिस द्वारा खुले में नमाज करवाए जाने पर सवाल खड़े होते है कि प्रदेश की पुलिस मुख्यमंत्री के बयानों को कोई अहमियत नही देती। हालांकि दोनों समुदाय की सहमति से तय 6 जगह पर किसी प्रकार का कोई विरोध नही हुवा।

देखा जाए तो हिन्दू संघर्ष समिति भी 2018 से उनके साथ खड़े लोगो को दरकिनार कर चुकी है और मीडिया और प्रेस कांफ्रेंस में मात्र 2,4 चहरे ही नज़र आते है जो इस मामले पर सिर्फ बयानबाजी करते है। कुलभूषण भारद्वाज जो इस आंदोलन का चेहरा रहे पिछली कुछ प्रेसवार्ता में नज़र नही आ रहे न ही उनका कोई बयान आया तो क्या ये मान लिया जाए कि बीजेपी से अलग हुए और अन्य हिंदूवादी संगठनों को हिन्दू संघर्ष समिति मुख्यमंत्री के डर से दरकिनार कर चुकी है?

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