— प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प का बीज बना आस्था का वटवृक्ष — संकल्प से सिद्धी को किया सार्थक गुुरुग्राम। हरियाणा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का का भव्य और नव्य स्वरूप हिंदू स्वाभिमान की पुनर्स्थापना है। इसे आज केवल देशवासियों ने ही नहीं पूरी दुनिया ने देखा और महसूस किया है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम के रूप में संकल्प का एक बीज लगाया है जो करोड़ों की आस्था का वटवृक्ष बन गया है। यह प्रधानमंत्री के संकल्प से सीद्धी को सार्थक करता है। इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोच ईमानदार-काम दमदार को पूरी तरह सार्थक कर रहे हैं। जीएल शर्मा सोमवार को सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ शहर के राजीव नगर स्थित मंदिर मे काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप के लोकार्पण समारोह के लाइव टेलीकास्ट के दौरान शीतला मंडल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज तक किसी सरकार ने काशी विश्वनाथ धाम के जीर्णोद्धार के बारे में नहीं सोचा। यह देश के लिए गौरव की बात है कि उसने 75 साल की आजादी के बाद एक ऐसा प्रधानमंत्री चुना है जो देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का सरंक्षण करने वाला है। ऐसे देश के सच्चे सपूत का काशी ही नहीं पूरे देश को दशकों से इंतजार था। उन्होंने कहा कि सदियों बाद आदि विश्वेश्वर का भव्य स्वरूप दुनिया के सामने है। इस महान को तीर्थ को उसकी ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक आभा के साथ मोक्षदायिनी गंगा के साथ जोड़ने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी हैं। आज काशी इतिहास के अभूतपूर्व सृजन का साक्षी बना है। जो एक हजार साल के इतिहास में नहीं हो पाया, वो हमारे प्रधानमंत्री ने कर दिखाया है। काशी विश्वधाम उनकी दृढ़ संकल्प शक्ति का परिचायक है। उनके इस जज्बे के आगे शदाब्दियां नतमस्कत है, धार्मिक आस्था प्रफुल्लित है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के पीछे की सोच अभूतपूर्व है। लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को काशी विश्वनाथ के साथ-साथ शिव की नगरी वाराणसी का समग्र इतिहास जानने का भी मौका मिलेगा। काशी में मोक्ष प्रदान करने वाली सातों नगरी ह, काशी में पांचों तीर्थ हैं, काशी में ही वेद व्यास ने सबसे पहले वेदों का उपदेश दिया था। यहीं पर 56 विनायक हैं, इन सबका विवरण यहां सुलभ होगा। काशी विश्वनाथ धाम के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प का एक बीज है, जो अब आस्था के वटवृक्ष के रूप में तब्दील हो चुका है। इस मौके पर शीतला मंडल के अध्यक्ष प्रीयवर्त कटारिया, पूर्व अध्यक्ष महेश वशिष्ठ, हंसराज कसाना, पीडी भारद्वाज, महिपाल सहारण, महिला मोर्चा अध्यक्ष कमलेश सैनी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। Post navigation एसजीटी विश्वविद्यालय में एशिया का पहला नेशनल रेफरेंस सिमुलेशन सेंटर राजस्व वसूली में तेजी लाएं अधिकारी – अतिरिक्त निगमायुक्त