चरखी दादरी जयवीर फोगाट

8 दिसम्बर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भिवानी और दादरी से बड़ी संख्या में किसान, मजदूर व महिलाएं दो बसें भरकर पहले टिकरी बार्डर तथा बाद में सिंघु बार्डर के लिए कितलाना टोल व भिवानी से रवाना हुए।

भिवानी से किसानों का नेतृत्व करतार ग्रेवाल, कामरेड ओमप्रकाश, गंगाराम स्योराण व कर्णसिंह जैनावास तथा दादरी से सुरेन्द्र कुब्जानगर व जगदीश हुई कर रहे थे। किसान सभा, सांगवान खाप, स्योराण खाप, भारतीय किसान संघर्ष समिति से जुड़े कार्यकर्ता प्रातः ही जाने के लिए गंतव्य स्थानों पर पहुंच गये। सभी संगठनों के नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की बची मांगों आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमें वापिस लेने, न्यूनतम सर्मथन मूल्य की गांरटी देने, शहीद किसानों के परिवारों का पुर्नवास व आर्थिक मदद देने, बिजली बिल रद्द करने और केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री अजय मिश्रा टैनी को बर्खास्त करने समेत मांगों को शीघ्र स्वीकार करना होगा ताकि ऐतिहासिक किसान आन्दोलन का सम्मानजनक समाधान निकले और एक वर्ष से ज्यादा समय से बैठे किसान खुशी खुशी अपने घर जा सकें।

उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में किसान मजदूरों की बनी एकता को हर कीमत पर बनाए रखने तथा भविष्य में भी मेहनतकश वर्गों पर आई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तत्पर रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो भी निर्णय लेगा, उसका पालन किया जाएगा।

आज के जत्थे में किसान नेता बलबीर सिंह बजाड़, रामफल देशवाल, रामोतार बलियाली, रणधीर सिढ़ान, अनिल भेरा, नरेन्द्र धनाना, नरेश शर्मा, कितलाना टोल से आजाद प्रधान, नन्द लाल अटेला, देशराम भाण्डवा, बलबीर डोहकी, सरदार सिंह डोहकी, भिवानी से अजीत बाडी धनाना, महिला नेत्री राजबाला धनाना, सुशीला घनघस, सरोज स्योराण, रतनी डोहकी, पारस घनघस, मजदूर नेता सुखदेव पालवास, भीमसिंह नवा, फूलचन्द ढ़ाणा लाडनपुर, प्रताप सिंह सिंहमार, छाजू राम मिताथल, मंगल सूई, महावीर धनाना व सीमा बाल्मीकि समेत कई नेता शामिल थे।

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