गुरुग्राम, 8 दिसम्बर। फैकल्टी ऑफ मास कम्यूनिकेशन और मीडिया टेक्नोलॉजी (एसजीटी यूनिवर्सिटी) की इंडस्ट्रियल एडवाइजरी बोर्ड की पहली मीटिंग मंगलवार को आयोजित की गई। इस ऑनलाइन मीटिंग का उद्देश्य था मीडिया इंडस्ट्री और मीडिया एजुकेशन के बीच एक सामंजस्य स्थापित करना, जिससे मीडिया में हो रहे बदलावों के अनुसार छात्र-छात्राओं को तैयार किया जा सके। इस मीटिंग में मीडिया इंडस्ट्री से वंदना बत्रा, जनसत्ता चंडीगढ़ की प्रभारी, विभा शर्मा, दी ट्रिब्यून, नई दिल्ली की विशेष संवाददाता, सतीश मेहरा, हरियाणा पब्लिक रिलेशंस विभाग के उप निदेशक और हरियाणा के राज्यपाल के पीआरओ, रंजन बासु, जाने-माने फोटोग्राफर, निलोफर शमा, प्रोड्यूसर और डाइरेक्टर, कृष्णकांत, सहारा के सीनियर प्रोड्यूसर ने भाग लिया। एसजीटी यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर प्रो, (डॉ.) नवदीप सिंह तुंग ने भी मीटिंग में भाग लिया।

मीटिंग में अपने विचार व्यक्त करते हुए वंदना बत्रा, जनसत्ता चंडीगढ़ की प्रभारी ने कहा कि आज मीडिया के छात्र-छात्राओं में किसी विषय को लेकर गहरी समझ का होना जरूरी है और इसके साथ ही उन्हें भाषा पर भी ध्यान देना होगा।

सतीश मेहरा, हरियाणा पब्लिक रिलेशंस विभाग के उप निदेशक और हरियाणा के राज्यपाल के पीआरओ ने कहा कि न केवल मीडिया बल्कि प्रत्येक पाठ्यक्रम में पीआर को शामिल किया जाना चाहिए। इससे छात्र-छात्राओं का बहुमुखी विकास होगा। रंजन बासु, जाने-माने फोटोग्राफर ने अपने वक्तव्य में कहा कि फोटो पत्रकारिता के लिए दो बातें जरूरी हैं- कैमरे का पूरा ज्ञान और छात्र-छात्राओं में सीखने की ललक का होना। विभा शर्मा, दी ट्रिब्यून, नई दिल्ली की विशेष संवाददाता ने मीडिया में स्पीड यानी तेजी से कार्य करने और नेटवर्किंग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया छात्र-छात्राओं को इन दो गुणों को सीखाना होगा।

इस अवसर पर अपने संबोधन में निलोफर शमा, प्रोड्यूसर और डाइरेक्टर ने प्रैक्टिकल शिक्षा अपनाने पर बल दिया। कृष्णकांत, सहारा के सीनियर प्रोड्यूसर ने मीडिया छात्र-छात्राओं में लेखन की स्किल विकसित करने पर बल दिया।

कार्यक्रम शुरू होने से पहले फैकल्टी ऑफ मास कम्यूनिकेशन और मीडिया टेक्नोलॉजी के डीन प्रो. सुशील मानव ने इंडस्ट्रियल एडवाइजरी बोर्ड के सदस्यों का स्वागत किया तथा उनका संक्षिप्त परिचय दिया। प्रो. मानव ने इस मीटिंग के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से मीडिया स्नातक (बीजेएमसी) के पाठ्यक्रम में एक बदलाव किया गया है जिसके तहत पाँचवें और छठे सेमेस्टर में पाँच विशेष कोर्सों- डिजिटल मीडिया, विज्ञापन और जन-सम्पर्क, मोबाइल जर्नलिज्म (मोजो), टीवी प्रोडक्शन एवं रेडियो और पॉडकास्ट को शामिल किया गया है, जिससे छात्र-छात्राएँ इनमें विशेषज्ञता हासिल कर सकें।। उल्लेखनीय है कि छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल शिक्षा में कुशल बनाने के उद्देश्य से प्रो. सुशील मानव की विशेष पहल पर एसजीटी टाइम्स नाम से न्यूज चैनल, न्यूज पोर्टल और पॉडकास्ट की भी शुरुआत की गई है। इससे छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल तौर पर सीखने का भरपूर अवसर मिलता है।

मीटिंग के दौरान क्रांति आनंद (असिस्टेंट प्रोफेसर) ने फैकल्टी ऑफ मास कम्यूनिकेशन और मीडिया टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया। डॉ. तेजी ईशा (असिस्टेंट प्रोफेसर) ने इंडस्ट्रियल एडवाइजरी बोर्ड के सदस्यों के सुझावों का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन एसके पांडेय (एसोसिएट प्रोफेसर) ने किया।

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