शारीरिक विसंगति, अंग-भंग, मूक बधिर, दृष्टिहीनता दिव्यांगता नहीं प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति में होती है विभिन्न प्रकार की विलक्षण प्रतिभाएं नेत्रहीन, चलने फिरने में असमर्थ, मूक बधिर शीर्ष पदों पर कार्यरत फतह सिंह उजालागुरुग्राम । शारीरिक विसंगतियां, अंग-भंग होना, मूक बधिर रह जाना, दृष्टिहीनता व अन्य प्रकार की शरीर में खामियां दिव्यांगता सर्वमान्य नहीं हो सकती हैं । भगवान के द्वारा प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति को सामान्य व्यक्ति के मुकाबले अतिरिक्त रूप से शक्ति प्रदान की गई है। जिसे देखना, समझना और पहचानना संभव नहीं होता है । पीएम मोदी का भी मानना है कि भगवान के द्वारा प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति को दिव्यं अंग रूपी ताकत और शक्ति प्रदान की गई है। यह बात विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर ओम आयुर्वेद आई केयर सेंटर के संचालक डॉक्टर बी बी भूषण के द्वारा ओम आयुर्वेद आई केयर सेंटर सेक्टर 40 के प्रांगण में आयोजित एक सामाजिक और जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही गई । इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्पेशल कैप्टन चंदन लाल स्पेशल मिडिल स्कूल बहरामपुर की मुख्य अध्यापिका मीना रानी ने कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलित करके किया। इसी मौके पर कैप्टन चंदन लाल स्पेशल मिडिल स्कूल बहरामपुर और रामा विहार दिल्ली के नेत्रहीन कल्याण परिषद एवं नव दृष्टि वेलफेयर सोसाइटी के छात्रों के द्वारा गिटार , तबला, हारमोनियम की धुन पर मनमोहक भजन और कविताओं का प्रस्तुतीकरण करते हुए अपनी प्रतिभा का परिचय भी कराया गया। डॉक्टर बी बी भूषण ने कहा कि शरीर में किसी अंग की कमी होना, दृष्टि बाधित होना, मूक – बधिर होना , स्वयं चलने फिरने में असक्षम होना जैसी शारीरिक खामियों को दिव्यांगता नहीं माना जाना चाहिए। जब तक व्यक्ति का मस्तिष्क सही प्रकार से कार्य कर रहा है और उसके अंदर सोचने समझने सहित किसी भी कार्य को करने की क्षमता है । ऐसा व्यक्ति ही अपनी प्रतिभा और योग्यता के दम पर अपने जैसों सहित समाज के सामान्य लोगों के लिए प्रेरणा भी बनता है । एक नहीं अनेक उदाहरण मौजूद हैं , मूकबधिर , नेत्रहीन चलने फिरने में असक्षम व अन्य शारीरिक खामियों वाले महिला तथा पुरुष आज उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ऑल इंडिया कॉनफेडरेशन ऑफ ब्लाइंड के उपाध्यक्ष प्रोफेसर रमेश प्रसाद के द्वारा की गई । इसी मौके पर पंजाब नेशनल बैंक गुरुग्राम शाखा की वरिष्ठ मैनेजर सुश्री मांडवी गर्ग ने दिव्यांगता के सारे संघर्षों को पार कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए मौके पर मौजूद दिव्यांग छात्र छात्राओं को प्रेरित किया । इस मौके पर हरियाणा के दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ , उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन बोर्ड सदस्य जितेंद्र जैन , पूर्व उपायुक्त दिव्यांगजन राजस्थान खिल्ली मल जैन ने भी दिव्यांगत को केंद्र में रखकर समाज में कार्यरत विभिन्न दिव्यांगों की कार्यप्रणाली और क्षमता की विस्तार से जानकारी देते हुए अपने अंदर के छुपे हुए हुनर और प्रतिभा को बाहर लाने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में समाजसेवी विजय, श्रीमती संध्या, आर्य वैद्यशाला कोट्टक्कल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर श्रीनिवास पांडे, डॉक्टर शिल्पा कनोडिया, कामोद, श्रीमती श्वेता शर्मा सहित अनेक प्रबुद्ध व्यक्ति और नागरिक मौजूद रहे। Post navigation खेलों में बेटियों ने बढ़ाया है देश का मान: सुधीर सिंगला डीएलएसए ने ट्राई साइकल बाँट मनाया दिव्यांग अंतर्राष्ट्रीय दिवस’