एडीजे व सीजेएम ने किया सूचना जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन चरखी दादरी जयवीर फोगाट 29 नवंबर,नागरिकों को अपने क्षेत्र के इतिहास की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। मुल्क की आजादी के लिए हमारे रणबांकुरों ने किस प्रकार से अपना बलिदान दिया और उन्हें कौन-कौन से जुल्मो-सितम का सामना करना पड़ा, इसका सही एहसास इतिहास जानकर ही हो सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फकरूद्दीन ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए ये शब्द कहे। लघु सचिवालय परिसर में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से आयोजित की गई तीन दिवसीय इस प्रदर्शनी को आज एडीजे फकरूद्दीन व सीजेएम शिखा यादव ने देखा और इसकी सराहना की। एडीजे ने कहा कि भारत को आजादी के लिए करीब दो सौ साल तक संघर्ष करना पड़ा था। इस दौरान हजारों लोगों की जानें चली गईं और लाखों लोगों को अंग्रेजों के अत्याचारों का सामना करना पड़ा था। हरियाणा प्रदेश और दादरी जिला के भी बहादुर बाशिंदो ने ब्रिटिश हुकूमत का डटकर सामना किया था। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में लोक अदालत व विधिक सेवा प्राधिकरण की गतिविधियों को भी शामिल किया है। जिससे दर्शकों को नि:शुल्क कानूनी सहायता और कानूनी जागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी मिलेगी। विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शिखा यादव ने कहा कि जनसंपर्क विभाग ने इस प्रदर्शनी का आयोजन कर सराहनीय कार्य किया है। हर एक देश, प्रदेश, गांव या जिला का अपना एक इतिहास होता है। इतिहास से जुडक़र व्यक्ति को आगे बढऩे में आसानी होती है। झज्जर के नवाब, राव तुलाराम आदि ने जो लड़ाई लड़ी थी, उसके बारे में यहां विस्तार से बताया गया है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कानूनी सेवाओं के अलावा सामाजिक उन्नति में भी अपना योगदान दे रहा है। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संदीप ने बताया कि इस प्रर्दशनी का आयोजन तीस नवंबर तक किया जा रहा है। मंगलवार को दोपहर बाद इसका समापन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोजाना सैंकड़ों नागरिक आजादी के अमृत महोत्सव प्रदर्शनी को देखने आ रहे हैं। पुरातन काल के अलावा इसमें आज तक जो तरक्की की गई है, उसे भी दर्शाया गया है। Post navigation कृषि कानून संसद द्वारा रद्द होना किसान आन्दोलन की ऐतिहासिक जीत : रणधीर कुंगड़ संयुक्त किसान मोर्चा जल्द घोषित करेगा अपनी आगामी रणनीति : बिजेंद्र बेरला