कितलाना टोल पर धरने के 338वें दिन लोकसभा और राज्यसभा में काले कानून रद्द होने पर आंदोलनकारियों ने जताई खुशी चरखी दादरी जयवीर फोगाट 29 नवम्बर,संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चलाए जा रहे किसान आन्दोलन के एक वर्ष पूरा होने पर तीनों विवादित कृषि कानून लोकसभा और राज्यसभा द्वारा रद्द किए जाने पर किसान आन्दोलन की ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई है तथा किसानों में इस जीत की भारी खुशी है। यह बात कितलाना टोल पर धरने को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के रणधीर कुंगड़ ने कही। उनका कहना है कि ये जीत किसान-मजदूर की एकता तथा लोकतन्त्र की जीत हुई है। जब शासक वर्ग जनता पर मनमाने कानून जबरदस्ती थोपता है तो जनता जाति और धर्म से उपर उठकर अपनी एकता व संगठन बनाकर संघर्ष करके उनको अपने जनविरोधी कदमों को वापिस करने पर मजबूर कर देती है। उन्होने कहा कि अब आन्दोलन सफलता की तरफ बढ़ रहा है और किसानों के बाकी मुद्दे भी हल होने की सम्भानाएं बढ़ी हैं। धरने को सम्बोधित करते हुए किसान नेता रणधीर घिकाड़ा ने एमएसपी की संवैधानिक गांरटी लागू करने, बिजली बिल कानून 2020 व 21 रद्द करने, आन्दोलन के दौरान सभी किसानों के मुकदमें रद्द करने, शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद व रोजगार देने वास्ते संयुक्त किसान मोर्चा से केन्द्र सरकार को शीघ्र बातचीत करनी चाहिए। उन्होनें लखीमपुर खीरी किसान हत्या कांड के कथित सूत्रधार केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री अजय मिश्रा को तुरन्त हटाकर गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आन्दोलन के दौरान भिवानी-दादरी के तीन शहीद किसानों जगराम सांगवान कितलाना, कमल सिंह मांढी व सज्जन डोहकी के परिवारों को भी मदद की मांग की जो कितलाना टोल पर धरने में शामिल थे। यदि सरकार ने उनकी बाकी मांगों पर बातचीत से हल नहीं निकाला तो संयुक्त किसान मोर्चा 04 दिसम्बर को आन्दोलन तेज करने का निर्णय लेगा। कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 338वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप चालीस से सुरेन्द्र कुब्जा नगर, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, चौ० छोटूराम डा० अम्बेडकर मंच से गंगाराम स्योराण, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से हरबीर नम्बरदार व महिला किसान मोर्चा से रतनी डोहकी व बिमला कितलाना ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, ओम नम्बरदार चरखी, सरदार सिंह डोहकी, रतन सिंह घिकाड़ा, महाबीर धनाना, रमेश शर्मा, राजेन्द्र जांगड़ा, रामानन्द धानक, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह धायल, सुरेश मानकावास, भोलू खान डोहकी, सुरेन्द्र डोहकी, मास्टर सुरेन्द्र गोरीपुर, नन्दलाल अटेला, धर्मबीर यादव व अमीन खान शामिल थे। Post navigation महान समाज सुधारक थे महात्मा ज्योतिबा फूले : कामरेड ओमप्रकाश लोगों को होनी चाहिए मुल्क के इतिहास की जानकारी : एडीजे