रिक्वेस्ट मनी क्यूआर कोड/लिंक के माध्यम से गूगल पे/फोन पे/ पेटीएम पर फर्जीवाड़ा, साइबर अपराध, जानकारी से ही बचाव है: एसपी वसीम अकरम

झज्जर , सोनू धनखड़

झज्जर पुलिस द्वारा आम लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए चलाया जा रहा विशेष जागरूकता पाठशाला का अभियान लगातार जारी है। पुलिस अधीक्षक झज्जर श्री वसीम अकरम के दिशा निर्देश अनुसार चलाए जा रहे विशेष जागरूकता अभियान के तहत आमजन को साइबर अपराध/ठगी से बचाव के संबंध में सजग करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण सुझाव/टिप्स भी दिए जा रहे हैं। साइबर जागरूकता पाठशाला के तहत झज्जर पुलिस द्वारा आम लोगों को साइबर ठगी के तौर तरीकों की जानकारी देते हुए उनसे बचने व सावधान रहने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। एसपी वसीम अकरम ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी करने की नियत से अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते रहते हैं। साइबर अपराधी द्वारा किसी व्यक्ति को झांसा देते हुए पैसा प्राप्त करने के लिए लिंक क्लिक कर या क्यूआर कोड स्कैन कर पैसा अपने खाते में लेने की बात की जाती है। किंतु जैसे ही पीड़ित व्यक्ति के द्वारा इसे स्कैन या क्लिक किया जाता है, उसके खाते से पैसे की निकासी हो जाती है। क्योंकि यह पैसा प्राप्ति का क्यूआर कोड/लिंक होता है।

उन्होंने बताया कि जालसाज व्यक्ति किसी दुकानदार या व्यापारी को कॉल करके पैसों के भुगतान के लिए गूगल पे या फोन पे के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर की मांग करता है। पीड़ित व्यक्ति अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर साझा कर देता है। जालसाज द्वारा दिए गए लिंक या क्यूआर कोड प्राप्त कर लेता है। क्यूआर कोड को साइबर अपराधी द्वारा पैसा रिफंड या कैशबैक इत्यादि लिख इस प्रकार संपादित कर दिया जाता है, जिससे कि पीड़ित उसकी बातों पर भरोसा कर सके। जबकि वास्तव में यह निकासी लिंक/क्यूआर कोड होता है। पीड़ित व्यक्ति बैंक खाते के साथ पंजीकृत फोन नंबर पर आए मैसेज पर ध्यान नहीं देता। निकासी लिंक या क्यूआर कोड को स्कैन कर पीड़ित पैसा प्राप्त करने की बजाय खुद का पैसा अपने खाते से स्थानांतरित कर देता है।

उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम/ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी अति आवश्यक हैं। साइबर क्राइम अथवा किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए यह जरूरी है कि किसी भी अज्ञात स्त्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन ना किया जाए। पैसे की प्राप्ति करने हेतु कभी भी एम पिन या यूपीआई पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती।

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