चंडीगढ़, 24 नवंबर- भारत की आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में हरियाणा के सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा कल देर सायं यहां टैगोर थियेटर में ‘सजदा’ (संगीतमय प्रस्तुति) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की गरिमामयी उपस्थिति रही।  उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, विधानसभा के स्पीकर श्री ज्ञानचंद गुप्ता, बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह, परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, कृषि मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल, विधानसभा के डिप्टी स्पीकर श्री रणबीर गंगवा, बाल विकास मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्री श्री ओमप्रकाश यादव, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री अनूप धानक के अलावा कई विधायक उपस्थित थे।

हरियाणा एवं चंडीगढ़ यूटी के प्रशासनिक अधिकारियों में हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस . ढेसी , प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर के अलावा अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूचना ,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल ने कार्यक्रम में आए हुए मेहमानों का स्वागत करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे देशभक्ति कार्यक्रमों की जानकारी दी।

प्रसिद्ध संगीतकार, लेखक व गायक पदमजीत सहरावत ने श्रीगणेश जी की स्तुति से संगीतमयी शाम का आगाज किया।

इनके शब्दों में ताल मिलाते हुए जब हरियाणा के मुख्य सचिव, जो गायकी और शायरी के फनकार हैं, श्री विजय वर्धन ने “नमाज आती है मुझे न वजू आता है, तू सामने आता है तो तेरा सजदा कर लेता हूँ….” शेर प्रस्तुत किया तो पूरा थियेटर करतल ध्वनि से गुंजायमान हो गया।

         ‘सजदा’ कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन की एक के बाद एक लाजवाब प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। वाद्ययंत्रों की झंकार के बीच बही सुरीली रसधार में श्रोता करीब दो घंटे तक गोता लगाते रहे। श्री विजय वर्धन द्वारा मधुर स्वर में प्रस्तुत शेरो-शायरी ने ऐसा जादू डाला कि हर कोई उसमें खोया रहा।

     श्री विजय वर्धन की शायरी व श्री पदमजीत सहरावत के गीतों की जुगलबंदी ने खूब वाहवाही बटोरी।

आजादी के अमृत महोत्सव को देखते हुए मौके की नजाकत के अनुसार श्री विजय वर्धन ने मशहूर शायर फ़ैज के शेर -” बोल के लब आजाद हैं तेरे …” ने श्रोताओं में देशभक्ति के नए जोश का संचार कर दिया। उन्होंने अंग्रेजी शासनकाल द्वारा हिंदुस्तानियों पर किए गए जुल्म-ओ-सितम का विभिन्न शेर-ओ-शायरी के माध्यम से ऐसा वर्णन किया कि हॉल में मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।

साथ ही पदमजीत के लयबद्ध गीतों ने चार-चांद लगा दिए। जब उनके द्वारा हिंदी फिल्म केसरी का मशहूर गीत ” तेरी मिट्टी में मिल जावां……” की प्रस्तुति दी तो माहौल जोश से सरोबार हो गया था।

बॉलीबुड के ख्यातिप्राप्त संगीतकार व पियानोवादक कमलदत्त व अन्य साजिंदों ने संगीत का ऐसा जादू बिखेरा कि लय-ताल में सब श्रोता मदहोश-से हो गए। श्री विजय वर्धन की कशिश भरी आवाज में शायरी और पदमजीत सहरावत के गीतों ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

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