सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश में 546 सेवाएं अधिसूचितलापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगाई जाए पैनेल्टी चंडीगढ़ 24 नवंबर- मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनहित की सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ समयबद्ध व सम्मानजनक तरीके से लोगों पहुंचाने के उद्देश्य से ही सेवा का अधिकार अधिनियम बनाया गया है। जनता की सेवा ही परमो धर्म: की भावना के साथ सभी विभाग तय समय अवधि में इन सेवाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें, ताकि इन सेवाओं व योजनाओं के क्रियान्वयन का सही उद्देश्य साकार हो। मुख्यमंत्री बुधवार को सचिवालय के कांफ्रेंस हाल में सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों का जीवन और अधिक सरलमय बनाने के लिए विभिन्न विभागों से संबंधित सेवाओं व योजनाओं को चिन्हित कर सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत सूचीबद्ध किया गया है। सरकार द्वारा 31 विभागों से संबंधित 546 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है, जिनमें से 297 सेवाओं का लाभ अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो विभाग अधिसूचित सरकारी सेवाओं का समयबद्ध लाभ नहीं देगा, तो आस पोर्टल पर संबंधित शिकायत आटो मोड में अपील में जाएगी। इसके बाद विभाग में उच्च अधिकारियों को एक के बाद दूसरे को दो बार अपील जाने के बाद यह शिकायत व समस्या सेवा का अधिकार आयोग के पास स्वत: पहुंच जाएगी, जिसे आयोग द्वारा 30 दिन के अंदर निपटाया जाएगा। आयोग के पास संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर 20 हजार रुपए तक पैनल्टी करने का अधिकार होगा। इसलिए राज्य स्तर पर सभी विभाग अपनी सेवाओं के क्रियान्वयन के संबंध में समय-समय पर समीक्षा करें तथा सुनिश्चित करें कि जनता को इन सेवाओं का समय पर ही लाभ मिले। इस संबंध में अगर किसी विभाग में कोई समस्या है तो उसका भी समाधान किया जाए। विभागों में सुशासन की भावना से कार्य हो और अधिकारी व कर्मचारी जनता को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उन्हें योजनाओं का समय पर लाभ दें। उन्होंने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए कि वे 25 दिसंबर सुशासन दिवस तक अपने विभाग की जो सेवाएं सेवा का अधिकार अधिनियम तहत सूचीबद्ध नहीं हुई हैं, उन्हें भी इसमें शामिल कर लें, ताकि जनता को अधिक से अधिक इन सेवाओं का समयबद्ध लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन विभागों में अभी भी कुछ सेवाएं ऑफलाइन हैं, उन्हें ऑनलाइन लाने की प्रकिया में तेजी लाए। इसी प्रकार सेवा का अधिकार अधिनियम-2014 के नियम 5 के तहत सभी विभाग व आयोग अपनी सेवाओं से संबंधित फार्म व अन्य दस्तावेज विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करें। इसके अलावा सभी विभाग अपने अंत्योदय सरल रैकिंग की भी समीक्षा करें तथा इसे बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करें। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने इस मौके पर राइट टू सर्विस एक्ट के तहत संबंधित विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने मीटिंग में नौ बिंदुओं से संबंधित एजेंडा प्रस्तुत किया और सभी विभागों से इस पर त्वरित कार्यवाही करने बारे अनुरोध किया। इस बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, मुख्य सचिव हरियाणा श्री विजय वर्धन, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, विरेंद्र सिंह कुंडू, श्री पीके दास, श्री आलोक निगम, श्री. देवेंद्र सिंह, श्री अमित झा, श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation 29 नवम्बर से होने वाली आक्रोश पैदल यात्रा की स्थगित : दोदवा आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में ‘सजदा’ (संगीतमय प्रस्तुति) कार्यक्रम का आयोजन