-कमलेश भारतीय कभी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यह सरकार सूट बूट वाली सरकार है । तब काफी हंगामा हुआ और प्रधानमंत्री के महंगे सूटों और भ्रष्टाचार को सूटकेस में बंद बताने की कोशिश की गयी । अब हरियाणा में तो यह बात पूरी तरह सच हो गयी जब एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेट्री अनिल नागर को ऐसे ही भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया । अनिल नागर ने स्वीकार किया कि बड़े अफसर अपने नजदीकियों को एडजस्ट करने के लिए उस पर दबाव बनाते थे । अभी नागर के पर्स से 24 अभ्यर्थियों के नामों की लिस्ट मिली है यानी अभी और डील होने वाली थीं कि इससे पहले ही भांडा फूट गया । इससे यह बात एक बार फिर झूठी साबित हो गयी कि हरियाणा में पर्ची और खर्ची सिस्टम खत्म हो गया । नहीं । यह सिस्टम अब सूटकेस में बंद होने लगा है । विजिलेंस की टीम ने अनिल नागर के लैपटाॅप, स्कैनिंग मशीन व डीवीआर कब्जे में ले लिए हैं । उसके केबिन से ओएमआर शीट भी बरामद हुई हैं । इस तरह सारा भेद खुल जा सिमसिम की तरह खुल कर सामने आ गया है । इसी बीच डेंटल सर्जन भर्ती रद्द किये जाने की मांग भी उठने लगी है । पर इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ । विपक्ष को एक मजबूत आधार मिल गया है सरकार की आलोचना करने का । नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल किया है कि क्या ये घोटाले बिना सरकार के संरक्षण के चल रहे थे ? नहीं । सरकार के संरक्षण के बिना भर्तियों में इतना बड़ा घोटाले सभव ही नहीं । फिर इतना तो अनिल नागर ने बता ही दिया कि उस पर उच्चाधिकारियों का दबाव रहता था अपने नजदीकियों को एडजस्ट करने का । श्री हुड्डा ने कहा कि जब मेरिट अटैची में ही बंद हो जायें तो फिर योग्यता क्या करेगी और कहां जायेगी ? बार बार मांग करने के बावजूद सरकार भर्ती घोटालों की उच्चस्तरीय जांच नहीं करवा रही क्योंकि सरकार इसे संरक्षण जो दे रही है । सरकार के संरक्षण के बिना इतने बड़े घोटाले संभव नहीं । पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए । सबसे पहले चेयरमैन का इस्तीफा लेना चाहिए जिससे जांच निष्पक्ष हो सके । इसी प्रकार कां ग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष सैलजा ने भी भर्ती घोटालों पर सरकार से श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है । आप पार्टी के नवीन जय हिंद ने भी कहा है कि सूटकेस में बंद हैं सरकारी नौकरियां । सरकारी नौकरियां नीलाम की जा रही हैं-सरेआम । इस तरह चाहे कुछ भी कहा जाये यह बात स्पष्ट है कि अभी सरकारी नौकरियों में मेरिट , योग्यता के बावजूद सूटकेस भारी पड़ रहे हैं । जब हमारे एक करीबी डेंटल सर्जन भर्ती के लिए गये थे तब उन्होंने वापस आकर बहुत दुखी होकर बताया था कि कुछ गोलमोल चल रहा है और वे अनुभव और मेरिट के बावजूद स्थान न पा सकेंगे और ऐसा ही हुआ । अब डेंटल सर्जन भर्ती भी रद्द किये जाने की मांग उठने लगी है तो अनिल नागर के कांड के चलते ही । सरकार कोई भी हो यदि युवाओं को मुख्यधारा में रखना है और शिक्षा में विश्वास बनाये रखना है तो योग्यता को परख कर ही नौकरियां देने की शुरूआत की जानी चाहिए न कि सूटकेस तय करें युवाओं के भविष्य ।-पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन कर रही है खट्टर सरकार: अभय चौटाला