कहा- पिछड़ा वर्ग को आरक्षण से बाहर करने के मामले को उठाएंगे विधानसभा में

चंडीगढ़, 23 नवम्बर: इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि हरियाणा सरकार लगातार वंचितों, कमेरों, दलितों और पिछड़ों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। अभी हाल में सरकार की ओर से पिछड़ा वर्ग के 6 लाख रुपए तक की क्रीमी लेयर तय करने के फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे पहले भी सरकार के इस तरह के निर्णयों को देश का सर्वोच्च न्यायालय गलत ठहरा चुका है और सरकार को फटकार भी लगा चुका है।

इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा सरकार संवैधानिक परम्पराओं का निरंतर उल्लंघन कर रही है और तानाशाही फैसले कर रही है। तथ्यों का हवाला देते हुए अभय चौटाला ने कहा कि इसी साल 26 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के 17 अगस्त 2016 को जारी उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया जिसमें पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमी लेयर तय की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक हरियाणा सरकार ने आर्थिक परिस्थिति के आधार पर पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमी लेयर तय करने में गंभीर गलती की है। बावजूद इसके अब हरियाणा सरकार ने 6 लाख रुपए से अधिक आय वाले पिछड़ा वर्ग के युवाओं को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए आरक्षण की प्रक्रिया से बाहर कर दिया है जो पूरी तरह से गलत है।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि वे आने वाले विधानसभा सेशन में इस मुद्दे को उठाएंगे और सरकार से जवाबतलबी करेंगे। तथ्यों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दरअसल क्रीमी लेयर एक आर्थिक और सामाजिक सीमा है जिसके तहत रिजर्वेशन के लाभ लागू होते हैं। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत कोटा रिजर्व है और जो क्रीमी लेयर में आते हैं, उन्हें कोटे के तहत लाभ नहीं मिलते। दूसरे, पिछड़ा वर्ग आयोग (मंडल आयोग) की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने 13 अगस्त 1990 को सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत रिजर्वेशन का प्रावधान किया था।

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