पुरानी घोषित विकास परियोजनाओं को भूलाकर ठंडे बस्ते में डालकर नई विकास योजनाओं की घोषणा जनता को ठगने का खट्टर जी का मूलमंत्र बन गया ह : विद्रोही
जब भी खट्टर जी अहीरवाल में आते है, वे विकास के नये जुमले उछालकर चले जाते है, पर पुरानी विकास परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में कोई ठोस कदम नही उठाते : विद्रोही

22 नवम्बर 2021 -स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के 26 नवम्बर को बावल के प्रस्तावित कार्यक्रम होने पर उनसे आग्रह किया कि रेवाड़ी जिले को विकास पर मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाकर ठगने की बजाय यदि वे इस जिले और अहीरवाल की पुरानी घोषित सभी विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट देकर उन्हे पूरा करवा दे तो यही बड़ी बात होगी। विद्रोही ने आरोप लगाया कि जब भी खट्टर जी अहीरवाल में आते है, वे विकास के नये जुमले उछालकर चले जाते है, पर पुरानी विकास परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में कोई ठोस कदम नही उठाते। मुख्यमंत्री का अहीरवाल के विकास के प्रति यही रवैया है कि पीछे छोड़-आगे दौड़। पुरानी घोषित विकास परियोजनाओं को भूलाकर ठंडे बस्ते में डालकर नई विकास योजनाओं की घोषणा जनता को ठगने का खट्टर जी का मूलमंत्र बन गया है। 

विद्रोही ने कहा कि खट्टर राज में अहीरवाल रेवाड़ी का नया विकास होना तो दूर का सपना है, कांग्रेस जमानेे की शुरू व घोषित की गई विकास परियोजनाओं को भी विगत सात सालों में खट्टर जी पूरा करने में असमर्थ रहे है। खट्टर जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अहीरवाल से सम्बन्धित जितने भी नये विकास प्रोजेक्ट की घोषणा की है, उनमें एक भी प्रोजेक्ट आज तक पूरा नही हुआ है जो बताता है कि वे दक्षिणी हरियाणा के विकास के प्रति कितने गंभीर व ईमानदार है? विद्रोही ने आरोप लगाया कि इस क्षेत्र में विकास कार्यो को पूरा करना तो बहुत दूर की बात है, पूरे अहीरवाल का नगारिक, शिक्षा, स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा बुरी तरह से लडखडा हुआ है। क्षेत्रवासियों को जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं का नागरिक ढांचा भी नही मिल रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर जी दक्षिणी हरियाणा के विकास व हितों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रहे है। 

वहीं विद्रोही ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो नेता औमप्रकाश चौटाला के हाल में रेवाड़ी, महेन्द्रगढ के सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करते समय मीडिया के सामने काले किसान कानून बननो के लिए कांग्रेस को दोषी बताने से साफ है कि चौटाला का शरीर राजनीतिक मजबूरियों के कारण विपक्ष में बेशक हो, पर असल में उनकी आत्मा आज भी भाजपा के साथ है और भविष्य में जब भी मोदी-भाजपा-संघ को इनेलो की जरूरत होगी, औमप्रकाश चौटाला और उनका परिवार संघीयों के साथ ही होगा। 

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