हरियाणा भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इन्द्रा साहनी केस में दिये गए फैसले के दिशा-निर्देशों की खुली अवेहलना की है : विद्रोही

21 नवम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सुप्रीम कोर्ट के 24 अगस्त 2021 के आदेश पर हरियाणा सरकार द्वारा पिछडे वर्ग के लिए क्रीमी लेयर को लेकर आय सीमा 6 लाख रूपये प्रति वर्ष करने की कठोर आलोचना करते हुए इसे पिछडा वर्ग विरोधी संघी मानसिकता का प्रमाण बताया। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्रीमी लेयर सम्बन्धित जारी अधिसूचना कोर्ट के आदेश व पूर्व निर्णयों के खिलाफ है।

भाजपा खट्टर सरकार के रवैये से साफ है कि वे पिछडे वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों के आरक्षण पाने में रोड़े अटकाकर सत्ता दुरूपयोग से उनके संवैद्यानिक हकों को छीनना चाहती है। आर्थिक रूप से पिछडे स्वर्ण वर्ग के आरक्षण के लिए आय सीमा 8 लाख रूपये वार्षिक व पिछडे वर्ग के लिए 6 लाख रूपये वार्षिक रखना अपने आप भेदभावपूर्ण व पिछडे वर्ग के प्रति संघी मनुवादी सोच की नीति है। स्वर्ण जाति के लिए प्रेम व पिछडे वर्ग के लिए द्वेष से भाजपाई-संघी का असली मनुवादी चेहरा बेनकाब हो गया है। 

विद्रोही ने कहा कि केन्द्र सरकार की नौकरियों में द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों में पिछडे वर्ग के बच्चे आरक्षण पाने के पात्र है, पर हरियाणा में क्रीमीलेयर की नई अधिसूचना में पिछडे वर्ग के द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के बच्चों को आरक्षण से वंचित करके हरियाणा भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इन्द्रा साहनी केस में दिये गए फैसले के दिशा-निर्देशों की खुली अवेहलना की है। वहीं पिछडे वर्ग के कर्मचारियों के वेतन व किसान आय को क्रीमीलेयर में रखकर भी भाजपा खट्टर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवेहलना की है। सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार कृषि आय व कृषि जोत की सीमा तय करके पिछडे वर्ग को आरक्षण से वंचित नही रखा जा सकता। लेकिन खट्टर सरकार ने यह असंवैद्यानिक कदम भी पिछडे वर्ग की नई क्रीमीलेयर अधिसूचना में उठाकर सुप्रीम कोर्ट रूलिंग को भी तांक पर रख दिया।

विद्रोही ने मांग की कि भाजपा खट्टर सरकार पिछडे वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण के संदर्भ में जारी नई अधिसूचना वापिस लेकर क्रीमी लेयर सीमा 8 लाख रूपये वार्षिक करे। वहीं कृषि आय व कृषि जोत की सीमा क्रीमी लेयर अधिसूचना से हटाये और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के बच्चों को आरक्षण से वंचित करने की शर्त को भी हटाया जाये। 

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