कितलाना टोल पर धरने के 328वें दिन किसानों ने काले कानून रद्द होने पर एक दूसरे को गले लगकर दी बधाई

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

19 नवंबर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून रद्द किया जाना देश के करोड़ों किसान और मजदूरों की ऐतिहासिक जीत है। यह बात किसान नेता राजू मान ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि साल भर से चल रहे किसान और मजदूरों का सांझा संघर्ष रंग लाया है। और इस जीत का श्रेय आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की शहादत को जाता है जिन्होंने देश के अन्नदाता की जीत के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए।

मान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में चल रहे किसान आंदोलन ने एक नया इतिहास रचा है जिसे वर्षों याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती और और बिजली संशोधन विधेयक वापस नहीं लिया जाता तब तक संयुक्त किसान मोर्चा जो भी आदेश देगा उसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को किसानों की सभी मांगे पूरी करनी चाहिए। उन्होंने शहादत देने वाले किसान परिवारों को आर्थिक सहायता के साथ रोजगार देने और आंदोलन के दौरान असंख्य किसान- मजदूरों पर बने मुकदमे वापिस लेने की बात भी प्रमुखता से उठाई। तीन कृषि कानून वापिस लेने की घोषणा जैसे ही टोल पर पहुंची तो किसानों ने एक दूसरे को गले लगकर बधाई दी इस दौरान कई किसान भावुक भी हो गए।

कितलाना टोल से किसानों का एक बड़ा जत्था आज हांसी में होने वाली किसान महापंचायत के लिए रवाना हुआ। जिसमें दादरी से निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान, सांगवान खाप के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, किसान नेता गंगाराम श्योराण, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश, बलबीर बजाड़, मास्टर ताराचंद चरखी, सूरजभान सांगवान, सुरेंद्र कुब्जानगर, दिलबाग ढुल, रामफल देसवाल, नरेंद्र धनाना, सरोज श्योराण, सुशीला घणघस मुख्य रूप से शामिल थे। जत्थे में शामिल किसानों ने कहा कि जब तक कुलदीप राणा के दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता तब तक हम अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने के 328वें दिन सूबेदार सत्यवीर सिंह, पूर्व सरपंच बलबीर सिंह, जागेराम डीपीई, परमजीत फतेहगढ़, श्यामलाल, उमेद सिंह, कप्तान रामफल डोहकी, सुरेश सांगवान, बीरभान, बलजीत मानकावास, हरबीर नम्बरदार, निहाल सिंह, महिपाल आर्य, सुरजभान पैंतावास, जोगेंद्र ठेकेदार, चेतराम, ईश्वर दातोली, राजपाल फोगाट, सुरेन्द्र डोहकी, रायसिंह इत्यादि मौजूद थे।

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