डेगूं और कोरोना के लक्षण समान, सावधानियों द्वारा दी जा सकती है डेंगू को मात : डॉ. रजनीकांत

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र :- डेंगू और कोरोना के लक्षण समान है। इन दिनों डेंगू मरीजों की तादाद में तेजी से वृद्धि हो रही है। तेज बुखार, बदन टूटना, जी मिचलाना और आंख के पीछे दर्द इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से जांच कराएं। डेंगू रोग में रोगी के प्लेटलेट गिरते हैं। इधर-उधर मेडिकल स्टोर से दवा न लें। डेंगू मच्छर के काट जाने पर सामान्यतः तीन से चार दिन में लक्षण सामने आते हैं अगर सही समय पर इसका इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। ये बातें श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय द्वारा अमृत महोत्सव के अन्तर्गत चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में डॉ. रजनीकांत ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मथाना के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।

डॉ. रजनीकांत ने कहा कि पूरा देश अभी कोरोना महामारी से उभर रहा है। इसलिए दोनों ही स्थितियों में सावधानियां बरतकर बीमारी से बचा जा सकता है। डेंगू बुखार मादा एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है। डेंगू मच्छर सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त से कुछ देर पहले काटता है। इसलिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें। घर के अन्दर व बाहर गंदा पानी एकत्रित न होने दें। इसके साथ ही डेंगू होने पर पपीते के पत्ते, नीम और बकरी के दूध का सेवन चिकित्सक के परामर्श अनुसार रोगी को कराना चाहिए। वहीं अगर आयुर्वेद के अनुसार आहार विहार को यदि व्यक्ति जीवन में अपनाता है तो बहुत सारे रोगों से बचा जा सकता है।

कार्यक्रम में मंच का संचालन अध्यापिका सविता रानी ने किया। स्कूल की प्रिंसिपल निर्मल कुमारी ने आयुष विवि की टीम का स्वागत व परिचय करवाया। इसके साथ ही डेंगू और कोरोना महामारी से बचाव के लिए बच्चों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार प्रकट किया। एआर, कर्नल एस.एन शर्मा ने सैनिक सेवा में जाने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल के विद्यार्थियों को औषधीय पौधे बांटे गए। हॉट्रीकल्चर सुपरवाइजर शशीकांत ने छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों के गुण व लाभ बताए। इस अवसर का विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं विश्वविद्यालय से मनोज कुमार उपस्थित रहे।

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