कितलाना टोल पर धरने के 326वें दिन राष्ट्रपति की भूमिका पर उठाए सवाल

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

17 नवम्बर, कितलाना टोल से भिवानी और दादरी जिले के किसान-मजदूरों का बड़ा जत्था 19 नवंबर को हांसी में होने वाली किसान महापंचायत में भाग लेगा। इस आशय की घोषणा वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को सम्बोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि जब तक किसान कुलदीप राणा को इंसाफ नहीं मिलता और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा हमारा संघर्ष जारी रहेगा। विडम्बना है कि सत्ता में ऐसे लोग बैठे हैं जिन्हें आम जनता की कोई परवाह नहीं है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से हर वर्ग त्रस्त है उसके बावजूद हुक्मरानों की आंखों पर पर्दा पड़ा हुआ है। 

उन्होंने तीन काले कानूनों को लेकर राष्ट्रपति की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर उसे कानूनी दर्जा देने से पहले राष्ट्रपति को आम जनभावनाओं का ख्याल रखना चाहिए था। देश के सवैंधानिक मुखिया होने के नाते उनका दायित्व बनता था कि वो इससे पड़ने वाले कुप्रभावों का आंकलन करते। उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति ने एक बार सरकार को आगाह किया होता तो देश के किसान-मजदूरों को इस तरह सड़को पर उतरकर अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे कितलाना टोल के धरने पर 326वें दिन सांगवान खाप चालीस से नरसिंह सांगवान डीपीई, फोगाट खाप 19 से धर्मबीर समसपुर, किसान सभा से राजकुमार दलाल, किसान नेता नरेन्द्र धनाना, मास्टर राजसिंह जताई, मीरसिंह निमड़ीवाली, डा० राजू गोरीपुर, मजदूर नेता फूलचन्द ढ़ाणा लाडनपुर, महिला नेत्री बिमला कितलाना, मामकौर डोहकी, जिला कार्यकारी सचिव कामरेड ओम प्रकाश, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर घिकाड़ा, सुबेदार सतबीर सिंह, रामफल देशवाल, नन्दलाल अटेला, ओम नम्बरदार चरखी, जयपाल जांगड़ा, राजेन्द्र जांगड़ा, समुन्द्र सिंह कितलाना, बुजन जांगड़ा, रमेश शर्मा, ईशवर धानक कोंट, शब्बीर हुसैन, परमजीत फतेहगढ़, मास्टर सुरेन्द्र गोरीपुर, जयराम अजितपुर, सुबेदार जगबीर सौंफ व रामानन्द धानक कालूवाला इत्यादि मौजूद थे।

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