घर-घर दस्तक ‘कोरोनारोधी टीकाकरण’ अभियान बना मिसाल, कई लोगों को मिला सेहत का तोहफ़ा

गुरुग्राम। राज्य कोविड वालिंटियर्स समिति के सदस्य व हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी घर-घर दस्तक कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान के तहत डोर-टू-डोर अभियान को सफल बनाने की दिशा में द्रुतगति से आगे बढ़ रहे हैं। अभियान के दूसरे दिन इस सकारात्मक पहल को आगे बढ़ाते हुए गली नंबर 3, अर्जुन नगर, गुरुग्राम में चलाया गया जिसमें सहभागी 80 लोगों का टीकाकरण किया गया तथा कोरोना से बचाव के लिए जागरूक भी किया। राज्य कोविड वालिंटियर्स समिति के सदस्य व हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल जी और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश धनखड़ जी के नेतृत्व में प्रदेश में 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।

गुरुग्राम में चलाए जा रहे इस अभियान में सामाजिक कार्यकर्ता विकास आर्य, संजय टंडन, जी. एन गौंसाई सहित सरकारी चिकित्सक व नर्स भी सहभागी रहे।

श्री सीकरी ने सभी सामाजिक संस्थाओं को भी आह्वान किया कि वे प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करें, जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण किया जाए।

श्री सीकरी का कहना है कि टीकाकरण के साथ-साथ लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए भी जागरूक किया जाएगा। उनका कहना है कि प्रदेश की भाजपा सरकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल और श्री ओमप्रकाश धनखड़ जी की अगुवाई में प्रदेश को कोरोना मुक्त बनाने में जुटी हुई है। जिसका परिणाम यह है कि आज प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या नगण्य ही रह गई है।

उनका कहना है कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध व प्रयासरत है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार ने विकास कार्यों को थमने नहीं दिया। हर वर्ग और हर क्षेत्र का समान रूप से विकास किया तथा संकट के दौरान निःशुल्क राशन वितरण, आर्थिक रूप से सहायता की गई, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

गौरतलब है कि राज्य कोविड वालिंटियर्स समिति के सदस्य व हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी गुरुग्राम में कई वर्षों से समाजसेवा के क्षेत्र में कार्यरत हैं और वे लगातार लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का समाधान व सहायता करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। कोरोना के समय में उन्होंने जहां शिविरों का आयोजन कर लोगों की कोरोना जांच कराई, वहीं कोरोना रोधी दवा आने के बाद लगातार टीकाकरण शिविरों का आयोजन किया।

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