कलाकार वैलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से की हरियाणा कला परिषद् के निदेशक संजय भसीन को पद से हटाने की मांग गुरूग्राम, 12 नवम्बर। कलाकार वैलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज प्रधान अर्जुन वशिष्ठ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम एक ज्ञापन भेजकर हरियाणा कला परिषद् के निदेशक संजय भसीन और उनके स्वार्थी पदाधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार फैलाने व निकम्मेपन की शिकायत करते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया कि हरियाणा के कलाकार समाज ने कोविड-19 के दौरान जिस पीड़ा को सहन किया है वह असहनीय है। ने समाचारों के माध्यम से शोर मचाया था कि लॉकडाऊन में हरियाणा कला परिषद् द्वारा कलाकारों की वित्तीय सहायता की जायेगी परन्तु आज तक किसी भी कलाकार को कोई सहायता राशि नहीं मिली है। इस महामारी से उबरने के लिए कलाकारों के लिए एक भी योजना बनाकर उन्होंने हरियाणा सरकार के पटल पर नहीं रखी,जो कलाकारों के लिए ऑक्सीजन का काम करती। इससे सरकार की बहुत बदनामी हो रही है। कलाकारों ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाये कि निदेशक संजय भसीन व अतिरिक्त मंडल निदेशक सारे सांस्कृतिक बजट को अपने चहेतों तक सीमित रखना चाहते हैं, ताकि इनके गैर जरूरी तथा नियमों के विरूद्ध किए गये खर्चों की भरपाई कलाकारों की मेहनत की कमाई से हो सके। जरूरतमंद कलाकार आज रोजी-रोटी के लिए मोहताज है, लेकिन उन्हें कला परिषद् के अधिकारी काम तक नहीं दे रहे हैं। हालांकि समय-समय पर कलाकार अखबारों तथा सोशल मीडिया के द्वारा अपने दुखें के सरकार के समने उजागर कर चुके हैं। सांस्कृतिक विभाग के उच्च अधिकारी भी कला परिषद् की इस बंदरबंट से भली-भांति वाकिफ हैं। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को बताया गय कि पिछले दिनों जिनलोगों को काम मिला है उनमें से अधिकतर य तो खुद कला परिषद् के पदाधिकारी हैं या उनके चहेते हैं। जबकि बहुत सारे योग्य एवं गुणी कलाकारों को इन्होंने अपने स्वार्थों के चलते पूरी तरह से हाशिए पर डाल रखा है। कलाकारों ने बताया कि पिछले दिनों हरियाणा कला परिषद् रोहतक की कार्यप्रणाली के खिलाफ कलाकारों ने धरना-प्रदर्शन किया था। इस पर अतिरिक्त निदेशक रेहतक ने कहा था कि उनके पस कोई वित्तीय शक्ति नहीं है। सारी पावर निदेशक संजय भसीन के हाथ में है और वे उनको कार्यक्रम करने नहीं देते। इसी कारण से वे कम करने में असमर्थ हैं जबकि निदेशक संजय भसीन का कहना है कि रोहतक के अतिरिक्त निदेशक उनके बस में नहीं है,वे इनकी कोई बात नहीं मानते और हर बात पर तकरार पर उतर आते हैं। अधिकारियों की इस बंदरबांट में कलाकार बुरी तरह से पिस रहे हैं। इसलिए अनुरोध है कि अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने में जुटे वर्तमान निदेशक एवं अन्य पदाधिकारियों के गलत कामों पर तुरंत कार्यवाही करें व उन्हें हटाकर कला की समझ रखने वाले अच्छे लोगों को पदासीन करें। यह कला के क्षेत्र में सरकार की गिरती साख् को सुधारने के लिए भी बेहद जरूरी है। Post navigation छात्रों के भविष्य को देखते हुए फिर से खोला जाए दाखिलों का पोर्टल: नवीन गोयल कंगना रनौत का पदम श्री वापस लिया जाए- डॉ सारिका वर्मा