-बार काउंसिल ने बार एसोसिएशन के प्रधान व सचिव को किया चण्डीगढ़ तलब-यशवंत यादव ने प्रधान अशोक यादव पर बार के संविधान को दरकिनार करने व मनमानी का लगाया था आरोप भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । जिला बार एसोसिएशन के चुनाव आगामी 17 दिसम्बर को प्रस्तावित हैं, किन्तु उससे पहले ही चुनाव अधिकारी के पद पर ओम प्रकाश यादव एडवोकेट की नियुक्ति विवादों में घिर गई है। यशवंत यादव एडवोकेट की शिकायत पर, बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा ने जिला बार एसोसिएशन के प्रधान अशोक यादव व सचिव मनीष यादव को 15 नवम्बर को चण्डीगढ़ तलब किया है। क्या है मामलाः बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा के पत्र दिनांक 20 अगस्त में दिए गए निर्देशानुसार, जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव सम्पन्न करवाने के हेतु 29 सितम्बर को बार एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सचिव ने चुनाव अधिकारी की नियुक्ति बारे सदस्यों को विचार रखने के लिए आमंत्रित किया। इस पर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ एडवोकेट ने बार काउंसिल के उक्त पत्र की तरफ ध्यान आकर्षित करवाते हुए कहा कि उक्त पत्र में बार काउंसिल ने संबंधित बार एसोसिएशन के नियमानुसार, चुनाव अधिकारी या चुनाव समिति की नियुक्ति का निर्देश दिया है। श्री वशिष्ठ ने कहा था कि जिला बार एसोसिएशन, नारनौल का लिखित संविधान है, जिसके नियम/अनुच्छेद 7(डी) के अनुसार, जिला बार एसोसिएशन, नारनौल के चुनाव करवाने के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त नहीं किया जा सकता अपितु उसके लिए 5 सदस्यीय चुनाव समिति बननी चाहिए। उन्होंने चुनाव समिति के अध्यक्ष के लिए गजराज सिंह चौहान एडवोकेट, सचिव नरेश यादव ककराला व सदस्यों के लिए विरेन्द्र सिंह सीहमा, नरेश यादव नलापुर व प्रवीण चौधरी का नाम प्रस्तावित किया था। जिसका यशवंत यादव व महेश दीक्षित ने अनुमोदन किया था। बार के दो सदस्यों सुधीर यादव व कृष्ण कुमार यादव ने औमप्रकाश यादव का नाम चुनाव अधिकारी के लिए प्रस्तावित किया था। बैठक में हुई चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने औम प्रकाश यादव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्हें नैतिकता के आधार पर चुनावी प्रक्रिया से दूर रहने की सलाह दी थी। कई अधिवक्ताओं ने हर बार औम प्रकाश यादव को ही चुनाव अधिकारी बनाने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस बार में अन्य कई योग्य अधिवक्ता हैं, जो बार का चुनाव निष्पक्षता एवं पारदर्शिता से सम्पन्न करवा सकते हैं। शिकायत में यशवंत यादव का आरोप है कि दिनांक 29 सितम्बर की बैठक के बाद प्रधान एवं सचिव ने जो प्रस्ताव पारित किया, उसमें मनीष वशिष्ठ द्वारा चुनाव समिति के लिए प्रस्तावित किए गए नामों की चर्चा ही नहीं की गई थी तथा उस प्रस्ताव को ऐसे लिखा जैसे मात्र एक व्यक्ति औम प्रकाश यादव का नाम चुनाव अधिकारी के लिए ही आया हो तथा शिकायतकर्ता ने भी उसी नाम को अनुमोदित कर दिया हो। यशवंत यादव एडवोकेट ने एक प्रतिवेदन के जरिए आरोप लगाया था कि दिनांक 29 सितम्बर की बैठक का प्रस्ताव, बैठक में हुई कार्रवाई, सदस्यों की भावनाओं तथा बार एसोसिएशन के संविधान के अनुरूप नहीं है। उन्होंने बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा को प्रतिवेदन प्रेषित करते हुए अनुरोध किया था कि दिनांक 29 सितम्बर की बैठक के प्रस्ताव को संसोधित किया जाए तथा औम प्रकाश यादव को चुनाव अधिकारी के पद से हटा कर 5 सदस्यीय चुनाव समिति बना कर चुनाव सम्पन्न करवाया जाए। जिस पर सुनवाई के लिए बार काउंसिल ने 15 नवम्बर को 3 बजे, प्रधान व सचिव को चण्डीगढ़ तलब किया है। Post navigation नगर परिषद ने बिना किसी टेंडर ही निजी कंपनी को दिया सर्वे करने का जिम्मा प्रसिद्ध समाजसेवी एवं साहित्यकार गोमला कांग्रेस में शामिल