अतिरिक्त निगमायुक्त डा. वैशाली शर्मा ने हरियाणा बिल्डिंग कोड की पालना प्रभावी रूप से सुनिश्चित करवाने के दिए अधिकारियों को निर्देश– नियमित कॉलोनियों में सब-डिवीजन प्लाटों के भी करवाए जा सकते हैं नक्शे पास– बिल्डिंग प्लान स्वीकृति के लिए सरकार द्वारा की गई है ऑनलाईन व्यवस्था– आर्किटैक्ट के माध्यम से होबपास पोर्टल पर आवेदन के 24 घंटे में प्राप्त हो जाते हैं प्रोविजनल सर्टिफिकेट गुरूग्राम, 9 नवम्बर। नगर निगम गुरूग्राम की अतिरिक्त आयुक्त डा. वैशाली शर्मा ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम की सीमा में बिना नक्शा पास करवाए किसीभ्भी प्रकार का निर्माण नहीं होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिक स्तर पर ही कार्रवाई की जाए, ताकि संबंधित व्यक्ति नियमानुसार बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति लेकर ही निर्माण करे। डा. शर्मा ने उक्त बात मंगलवार को नगर निगम कार्यालय में बिल्डिंग प्लान समीक्षा कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा बिल्डिंग कोड की पालना प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जाए। सरकार द्वारा बिल्डिंग प्लान स्वीकृति के लिए ऑनलाईन व्यवस्था की गई है। काऊंसिल ऑफ आर्किटैक्ट से पंजीकृत कोई भी आर्किटैक्ट के माध्यम से हरियाणा ऑनलाईन बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम (होबपास) पर बिल्डिंग प्लान स्वीकृति के लिए आवेदन करने की व्यवस्था है। आवेदन के 24 घंटे के भीतर प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाता है तथा निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। बैठक में प्लानिंग विंग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा नियमित कॉलोनियों में हुए सब-डिवीजन प्लाटों के भी नक्शे पास किए जा रहे हैं। सब-डिवीजन को रैगुलराईज करवाकर नक्शे पास करवाए जा सकते हैं। बिल्डिंग प्लान के बारे में किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त करने के लिए नगर निगम गुरूग्राम के सैक्टर-34 स्थित कार्यालय की तीसरी मंजिल पर स्थित प्लानिंग शाखा में संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए एक विशेष हैल्प डैस्क बनाई गई है, जिस पर प्लानिंग असिस्टैंट को तैनात किया गया है। इस हैल्प डैस्क पर ऑनलाईन आवेदन से पूर्व मूल दस्तावेज की जांच करवा सकते हैं, ताकि आवेदन रिजैक्ट ना हो। अतिरिक्त निगमायुक्त ने कहा कि नगर निगम सीमा के भीतर निर्माणाधीन भवनों की सर्वे करवाई जाए तथा जो भवन सील होने के बावजूद भी अगर उनमें निर्माण कार्य चल रहा है, तो उसकी रिपोर्ट भी तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इनफोर्समैंट टीमें और अधिक प्रभावी रूप से कार्य करें तथा अनाधिकृत निर्माणों को प्राथमिक स्तर पर ही रोकें। उन्होंने कहा कि सभी आर्किटैक्टों को नियमों के बारे में स्पष्ट जानकारी दें तथा इसके बावजूद भी कोई आर्किटैक्ट गलत तरीके से आवेदन करता है, तो उसे ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाए। बैठक में निगम पार्षद सुभाष सिंगला ने पुराने बने भवनों को कंपाऊंड करने की दिशा में सरकार से संपर्क करने का सुझाव दिया, ताकि नगर निगम को राजस्व मिले तथा नागरिकों को सुविधा हो। बैठक में निगम पार्षद सुभाष सिंगला, रविन्द्र यादव, अश्विनी शर्मा एवं सीमा पाहुजा, संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) हरीओम अत्री, चीफ टाऊन प्लानर मधुस्मिता मोईत्रा, डीटीपी मनीष यादव, एटीपी सिद्धार्थ खंडेलवाल सहित इनफोर्समैंट विंग के सहायक अभियंता उपस्थित थे। Post navigation गीता के बहुविध रंग-गीता मनीषी के संग हरियाणा नगर निगम विज्ञापन उप-नियमों की दृढ़ता से की जाए पालना-डा. वैशाली शर्मा