पंचायत फंड का दुरुपयोग करने वाले ग्राम सचिव को उम्र्रकैद व 2 लाख रुपए जुर्माने की सजा

गुडग़ांव, 3 नवम्बर (अशोक): ग्राम पंचायत के फंड में लाखों रुपए की हेराफेरी करने के आरोपी दोषी करार दिए गए पंचायत सचिव को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने बुधवार को उम्रकैद व 2 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुना दी है। अदालत ने गत सप्ताह आरोपी को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने सुना दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के लेखा परीक्षक विभाग द्वारा वर्ष 2010 में पंचायतों का ऑडिट किया गया था। जिले की मानेसर ग्राम पंचायत का ऑडिट भी ऑडिटर राजकुमार द्वारा किया गया। जिसमें काफी अनियमितताएं पाई गई और लाखों के गबन का संदेह भी व्यक्त किया गया। यह गबन करीब 15 लाख से अधिक का बताया गया था। ऑडिटर ने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजकर उन्हें भी सूचित कर दिया था और आग्रह किया था कि मानेसर पंचायत में नियुक्त ग्राम सचिव जगदीश चंद के खिलाफ पंचायत फंड का दुरुपयोग करने के
आरोप में कार्यवाही की जाए। पंचायत सचिव पर आरोप लगे थे कि बिना कोरम के पंचायत खाते से धनराशि निकाली गई है, जबकि मानेसर पंचायत में सरपंच के अलावा 20 पंच भी हैं। कोरम पूरा करने के लिए 10 पंचों का बैठक में होना जरुरी है, जबकि ग्राम सचिव ने केवल 6-7 पंचों के हस्ताक्षर दिखाकर धनराशि निकाल ली थी। सरपंच के भी हस्ताक्षर इन प्रस्तावों पर नहीं थे।

सरपंच ने भी ग्राम सचिव से निकाली गई धनराशि जमा कराने का आग्रह किया था, लेकिन उसने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया थी। उपायुुक्त ने उपमंडल अधिकारी से भी मामले की जांच कराई थी। उन्होंने भी जांच में तत्कालीन ग्राम सचिव को दोषी पाया, जिस पर ग्राम पंचायत विभाग के अधिकारियों को उपायुक्त ने ग्राम सचिव के खिलाफ पंचायत फंड का दुरुपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज कराने के आदेश दिए। मानेसर थाना पुलिस ने वर्ष 2015 की 10 जुलाई को आरोपी ग्राम सचिव के खिलाफ भादंस की धारा 409, 420, 467, 468, 471 व 7 पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था।

आरोपी अदालत से जमानत भी प्राप्त कर चुका था। मामला अदालत में चला था। अभियोजन पक्ष के गवाहों व सबूतों से आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध हो गए थे, जिस पर अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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