Category: भिवानी

गांव के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करना चाहती है खट्टर सरकार : डॉ. सुशील गुप्ता

पंचायती राज चुनावों से भाग रही है बीजेपी : डॉ. सुशील गुप्ता आप की लोकप्रियता से डरी बीजेपी, हिम्मत है तो समय से चुनाव करवाएं सरकार : डॉ. सुशील गुप्ता…

राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने स्व. देवीलाल के नाम पर हो रही राजनीति को लेकर कटाक्ष किए

किसानों पर कुठाराघात करने वाले लोग स्व. देवीलाल जैसे महापुरुष के नाम को कर रहे हैं खराब : सुशील गुप्ता देवीलाल जयंती कार्यक्रम में शामिल होने पर बोले, किसानों के…

लंपी वायरस के बाद अब अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का कहर

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से सूअरों की हो रही हैं लगातार मौतें हजारों सूअरों की हुई मौत, पशुपालन विभाग की टीमें फील्ड में उतरी चरखी दादरी जयवीर फौगाट, 16 सितंबर –…

हमें सॉफ्ट पुलिसिंग की आवश्यकता क्यों है?

समाज की सेवा व सुरक्षा के लिए व्यवस्थित की गई पुलिस हर जगह अपनी भद्द पिटाती रहती है। इसका मुख्य कारण यही रहा है कि समाज के लोगों, विशेषत: गांवों,…

ओजोन परत की बहाली के लिए विश्व स्तर पर कार्य आवश्यक हैं

प्रियंका सौरभ …………. रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, ओजोन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला अणु है जो तीन ऑक्सीजन परमाणुओं से बना होता है।…

15 सितंबर: अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस….. कमजोर पड़ते विपक्ष से भारतीय लोकतंत्र खतरे में !

सरकार को आलोचना को सिरे से खारिज करने के बजाय सुनना चाहिए। लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करने के सुझावों पर एक विचारशील और सम्मानजनक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। प्रेस और…

हिंदी के मुकाबले अंग्रेजी बोलते समय इतनी पॉलिश क्यों दिखाई देती है?

भारत ने स्थानीय भाषाओं में निवेश नहीं किया है, चाहे वह उच्च गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा हो या कला और साहित्य में निवेश हो। यदि हम आज यह निवेश करते…

माया सब को ठगती है इससे कोई नहीं बचता चाहे योगी हो या जोगी : हुजूर कंवर साहेब

जिसका विवेक जाग जाता है उसका धर्म मार्ग खुल जाता है गुरु को इस प्रकार पकड़ो कि वो आपके हृदय से ना निकल पाए भक्ति आसान नहीं है यह छठी…

दादा-दादी बिन हुआ……..

-डॉ सत्यवान सौरभ दादा बरगद-सा रखे, सौरभ सबका ध्यान।जिसे जरूरत जो पड़े, झट लाते सामान।। गाकर लोरीं रोज ही, करतीं खूब दुलार।दादी से घर में लगे, खुशियों का दरबार।। बुरे…

12 सितंबर – दादा-दादी दिवस…….दादा-दादी की भव्यता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।

–डॉ सत्यवान सौरभ दादा-दादी बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं, जिनके साथ वे अपने रहस्यों को खुलकर साझा कर सकते हैं। दादा-दादी भगवान का एक उपहार है जिसे हमें…