Category: हिसार

पुस्तकें छात्र-छात्राओं के लिए अर्पित : डाॅ विक्रम सिंह

हिसार : हिसार के दयानद महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ विक्रम सि़ह ने कहा कि आज हमारे महाविद्यालय के पुस्तकालय के लिए साहित्यकार व हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश…

मेरी यादों में जालंधर ……. आम लोग के दर्द को बयान करतीं कविताएँ

कमलेश भारतीय आपको एक थोड़ी हंसी मज़ाक की बात बताता हूँ, भारतीय जी ! जी हाँ, बताइये । जब पंचकूला में हरियाणा के शिक्षा विभाग के लिए ‘ शिक्षा सदन…

सरकार की मिलीभगत के बिना सहकारिता विभाग में करोड़ों का घोटाला संभव नहीं : लाल बहादुर खोवाल

सहकारिता विभाग में करोड़ों के घोटोले पर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रिया हिसार : हरियाणा के सहकारिता विभाग की एकीकृत सहकारिता विकास परियोजना में हुए करोड़ों…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बत्तीस ……… आईएएस का साहित्य में योगदान क्यों नहीं नहीं मानते हो रहा है कि…

कमलेश भारतीय क्या आप कमलेश भारतीय हैं?मैं हरियाणा सचिवालय की वीआईपी लिफ्ट के सामने खड़ा था और एक सभ्य, सभ्रांत सी महिला मुझसे यह सवाल कर रही थीं ! मैं…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बत्तीस ……… आईएएस होने के बावजूद साहित्य में रूचि…..

कमलेश भारतीय यादें आ रही हैं, बेतरतीब और बेहिसाब ! सबकी अपनी अपनी यादें होती हैं और यादों से मिलते हैं संदेश ! जो जीवन भर की कमाई कही जा…

कांग्रेस की सरकार आने पर हर घर में देंगे रोजगार: सैलजा

कहा- प्रदेश नशे की चपेट में और शासन-प्रशासन बैठा है आंखे मूंदे हुए बीजेपी सरकार में 47 बार हुए पेपर लीक, पर आज तक कार्रवाई किसी पर नहीं हुई: सुरजेवाला…

अपने-अपने भारत रत्न ………

भारत रत्न पुरस्कार की चयन पद्धति क्या हो, निर्णय की प्रणाली क्या हो, इसमें कौन-कौन से लोग शामिल होने चाहिए? अभी इस पर बात नहीं हो रही है। अब तक…

मेरी यादों में जालंधर – भाग इकतीस …….भगत सिंह और पाश से जुड़ने के दिन

कमलेश भारतीय चंडीगढ़ के मित्रों के नाम या उनका काम, स्वभाव बताते संकोच नहीं हुआ । इतने दिन में दो बार बड़े भाई जैसे मित्र फूल चंद मानव का कहीं…

खाली हाथ बजट ….. स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक सुधार की जरूरत।

2024 का अंतरिम बजट प्रशासनिक रवायत है क्योंकि पूर्ण बजट तो जुलाई में आएगा‚ जिस पर नई सरकार का रिपोर्ट कार्ड़ स्पष्ट नजर आएगा। व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए एक…

मेरी यादों में जालंधर- भाग तीस ……… रमेश बतरा- कभी अलविदा न कहना !

कमलेश भारतीय क्या चंडीगढ़ की यादों को समेट लूं ? क्या अभी कुछ बच रहा है ? हां, बहुत कुछ बच रहा है। रमेश बतरा के बारे में टिक कर…