Category: विचार

अर्णब, मीडिया और हमारा समाज

-कमलेश भारतीय रिपब्लिक टीवी के चीफ एडिटर अर्णब गोस्वामी को मां बेटे को खुदकुशी के लिए दो साल पूर्व उकसाने के आरोप में मुम्बई पुलिस ने न केवल गिरफ्तार किया…

रियल्टी शोज कितने सच्चे, कितने झूठे ,,,?

-कमलेश भारतीय रियल्टी शोज का अपना संसार है और टीआरपी बढ़ाने के अपने अपने फंडे हैं सबके । रियल्टी शोज कोई नये नहीं हैं । काफी समय से चल रहे…

जिहाद की जिद : जिहाद का हिंदू त्योहारों पर ही क्यों उमड़ा सनातन प्रेम !

मथुरा के नंद बाबा मंदिर में नमाज के बाद उपजा फसाद. मंदिर में नमाजी के कोरोना पॉजिटिव से ताजा हुआ मरकज फतह सिंह उजाला पूरी दुनिया में भारत ही एकमात्र…

रात हलाला नेक है, उठते नहीं सवाल !राम नाम की दक्षिणा,पर क्यों कटे बवाल !!

लव जिहाद और राणा जैसे बयान दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करते है। यह किसी एक राज्य, देश या समुदायों तक सीमित नही बल्कि विश्व्यापी समस्या बनता जा रहा…

लव जिहाद और फसाद…..बरोदा में हाई अलर्ट और बल्लभगढ़ में लठ्म-लठ्ठ

अब जरूरत महसूस कि योगी के जिगर जैसा हो जिगर. रविवार को हुए फसाद को पहचानने में कहां हुई चूक. जनता की एक ही आवाज सजा केवल और केवल मौत…

मीडिया से सवाल क्यों नहीं ?

–कमलेश भारतीय मुम्बई के रिपब्लिक टीवी के चीफ एडिटर अर्णब गोस्वामी की रिपोर्टिंग शैली पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि मीडिया के…

आखिर क्यों बदल रहे हैं मनोभाव और टूट रहे परिवार ?

भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर…

मूर्ति पूजक देश में प्रधानमंत्री के पुतले जलाने के क्या इशारे ?

-कमलेश भारतीय हमारा देश मूर्ति पूजक देश है । मंदिर , पार्क, सार्वजनिक स्थानों और कितनी ही जगह मूर्तियां ही मूर्तियां ही लगी दिखती हैं । एक चंडीगढ़ ऐसा शहर…

मैला ढोने वालों की दुर्दशा

28 साल पहले एक कानून के माध्यम से इस पर प्रतिबंध लगाने एवं तकनीकी प्रगति के बावजूद, मानव अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता पैदा करने वाली , मैनुअल स्कैवेंजिंग भारत में…

क्राइम पेट्रोल को मात देती घटनाएं

-कमलेश भारतीय बचपन से ही जासूसी उपन्यास बहुत प्रिय रहे । अपने छोटे से शहर मे दो ऐसी दुकानें थीं जो किराये पर किताबें देती थीं -एक किताब, एक दिन…