Category: विचार

गद्दी खाली करो कि किसान आते हैं …जेपी की वापसी?

–कमलेश भारतीय कभी जननायक जयप्रकाश नारायण ने पटना से प्रदर्शन कर आवाज़ बुलंद की थी इंदिरा गांधी के तानाशाही फैसले के खिलाफ और वह आवाज़ कब देश भर में गूंज…

पुलिसतंत्र या लोकतंत्र

— आंदोलन में लोगों की व्यक्तिगत संपत्तियों को क्षति पहुंचाने का अधिकार किसने दिया— यही जाबांज दिल्ली पुलिस वकील आंदोलन के आगे क्यों विवश हो गई थी?— आमतौर पर पुलिस…

भक्त पता नहीं किस मिट्टी के बने है

— पता नहीं किस सृजनहार ने रचा है इन जाहिलों को,पशु बनाना था,धोखे से इंसान बन गए! — आप सरकार चलाते हैं, देश नही— पहले डिजिटल का नारा दिया और…

सादगी परम विशेषज्ञता है

हृदय की पवित्रता, मानसिक सरलता और आंतरिक संवेदनशीलता हमारी यात्रा के अंतिम साधन बन सकते हैं। मौलिक रूप से, सादगी एक मानसिक स्थिति को इंगित करती है, जिसे फिर जीवन…

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगाम ही आएगी काम.

सोशल मीडिया की वजह से गलत खबर, फेक न्यूज, अफ़वाह, अभद्र भाषा आदि समाज में फैल गए है जो हर सेकंड व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से वायरल…

न हिंदू और न मुसलमान केवल और केवल हिंदूस्तान का किसान

किसान को बीबी-बच्चों के साथ सड़को पर आने को मजबूर किया. किसान की एक ही पहचान है और वह है खेत और खलिहान. रहम खाईये प्रधानमंत्री-रहम खाईये प्रधानमंत्री-रहम खाईये फतह…

बुजुर्ग हमारे वजूद हैं न कि बोझ

बदलते परिवेश में एकल परिवार बुजुर्गों को घर की दहलीज से दूर कर रहें है. बच्चों को दादी- नानी की कहानी की बजाय पबजी अच्छा लगने लगा है, बुजुर्ग अपने…

सोनू सूद और राबर्ट वाड्रा नये मुद्दे

-कमलेश भारतीय किसान आंदोलन के बीच और खासतौर पर ट्रैक्टर परेड के बीच नये मुद्दे हैं अभिनेता सोनू सूद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा । किसानों…

मंदिर के पुजारी और राम रहीम

-कमलेश भारतीय अखबारों में दो मुद्दे किसान आंदोलन के बीच उछले हैं । मुख्य मुद्दा देश का किसान आंदोलन है लेकिन इसके बीच बदायूं के निकट एक गांव के मंदिर…

तारीख पे तारीख , यह कैसी बातचीत ?

–कमलेश भारतीय आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर आठ दौर की बातचीत हो चुकी और नतीजा अगली तारीख । क्या इन बैठकों का कोई फायदा…

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