किसान को बीबी-बच्चों के साथ सड़को पर आने को मजबूर किया.
किसान की एक ही पहचान है और वह है खेत और खलिहान.
रहम खाईये प्रधानमंत्री-रहम खाईये प्रधानमंत्री-रहम खाईये

फतह सिंह उजाला

देश की आजादी के लिए 73 वषों पूर्व हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई व समस्त कमेरे वर्ग सहित किसानों ने एक जुट होकर ही गौरे अंग्रेजों की ईस्ट इण्डिया कम्पनी को घेर कर हिंदूस्तान से भगाया था। आज अमन, चैन के लिए देश के प्रधान मंत्री को चाहिए कि जिस कृषि कानून और बिजली विधेयक का विरोध हो रहा है, ऐसे तमाम कानूनों और विधेयक को और अधिक देर किया बिना रद्द करे या वापिस ले लें। आजादी के बाद पहली बार देश का समस्त  किसान अपने हको के लिए सभी विपरित परिस्थितियों में गांव, खेत, खलिहान को छोड़कर बीबी-बच्चों के साथ सड़को पर आने के लिए मजबूर किया गया है । रहम खाईये प्रधानमंत्री- रहम खाईये प्रधानमंत्री।

जमीयत उलमा संयुक्त हरियाणा , पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ, के पूर्व अध्यक्ष मौलाना अशरफ खालीद साहब ने यह बात दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर स्थित खेड़ा बार्डर पर विभिन्न राज्यों के आंदोलनकारी तथा लंगर डाले किसानों के बीच में किसान आंदोलन के 45वें दिन कही। उन्होंने कहा कि, किसान की एक ही पहचान है और वह है खेत और खलिहान। न कोई हिंदू, न मुसलमान, न सिख और न इसाई, केवल और केवल किसान ही हैं। यह बात केंद्र सरकार, पीएम मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री सहित केंद्र सरकार के सभी पैरोकार को समझ  और जान लेनी चाहिये।

मौलाना शोकत, मौलाना हनामुल हसन, मुफ्ती सलीम साकरस मेवात, मौलाना अस्तार, जमालुद्दीन, जम्मू काश्मीर के दो बार विधायक रहे दर्शन सिंह कनेडियान के सपुत्र सत्यप्रकाश सिंह ने भी किसानों के साथ खेडा बोर्डर पर अपना सर्मथन देने के साथ-साथ खाद्य सामग्री, गर्म कपड़ो व अन्य जरूरी सामान के साथ पंहुचने वालो का आहवान किया कि, जो संघर्ष किसान आज हाड जमा देने वाली ठंड में करने के लिए मजबूर है, यह संघर्ष केवल और केवल पेट सहित खेत को बचाने के लिए ही है। किसान आंदोलन की गंभीरता को समझते हुए केंद्र सरकार सहित पीएम मोदी समय रहते ऐसा काम करे, जिससे कि देश के किसानों को अपने अपने घरों को लौटाने का मौका मिल जाए। प्रधान मंत्री को तो देश की जनता ने ही वोट देकर राज गद्दी पर बैठाया है, अब पीएम मोदी किसानों सहित  अपने मन के साथ ही तन की बात भी सुने।

बीते 24 दिनों से बावल से 8 किलो मीटर दूर दिल्ली-मुम्बई हाईवे के हरियाणा -राजस्थान सीमा के जयसिंहपुर खेडा बोर्डर पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरनारत किसानों को महाराष्ट्र जन आंदोलन, नर्मदा बचाओं अंादोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष मेघा पाटेकर, कमला बहन  ने कहा जल, जंगल और जमीन बचाने का आंदोलन कई वर्षो से जारी है । पीएम मोदी किसान और कृषि की जमीन ही बडे घरानों को देने की दूरगामी योजना पर काम कर रहे है। पीएम मोदी कृषि से जुडे़ किसान और मजदूर की पहले चिंता करें।  जमीन का सीना चीर कर अन्न पैदा करने वाले किसान के साथ छोटे कमेरे वर्ग दुग्ध उत्पादक, पशु पालक, मछली पालक, खेती सब्जी पैदा करने वाले अनेंको मजदूरों के पेट पर लात मारने का कार्य नही करे। मोदी सरकार को चाहिए कि अपना फैसला किसानों के हको में ही ले । मेघा पाटेकर और कमला बहन का खेडा बोर्डर पर पंहुचने पर संास्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली आदिवासी महिलाओं ने संगीत के माध्यम से स्वागत किया । इसी मौके पर अन्य वक्ताओं ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस पर संयुक्त मोर्चा के आहवान पर खेडा बोर्डर के सभी हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की परेड में संविधान के अनुरूप शामिल होंगे। खेडा बोर्डर दिन प्रतिदिन अन्य प्रदेशों के किसानों का लंगर बढता ही जा रहा है।

संयुक्त मोर्चा खेडा बोर्डर कोर कमेटी के सदस्य 7 बार राजस्थान के विधायक रहे अमराराम, राजाराम मील, पवन दुगगल, पैमाराम, डॉ संजय माधव छगन लाल चैधरी, राजबाला ने गुजरात, जम्मू कश्मीर,  राजस्थान , मध्यप्रदेश के साथ ही हरियाणा के जिला भिवानी के गांव जुई के डॉ प्रवीन रघुबीर, बावल के गांव बनीपुर निवासी मनीष ढिल्लो, राकेश मोहम्मदपुर, आशिष, संदीप , भीम आर्मी के सुरेंद्र मेहरा, सरजीज सिवाच, संतोष धनखड, रोहतक पूर्व प्राचार्य , राव महिपाल दिल्ली ने भी किसान आंदोलन का समर्थन जारी रखा। क्रमिक अनशन पर  मंजीत संागवान भेरा, सुनीता सांगवान, जगदीप संागवान, अजीत जनावा नीटू डाला, प्रवीन, डाला भेरा, हरियाणा, रविंद्र सिहाग, रामसराताल राजस्थान , भैरू लाल नामा बालातरू राजस्थान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरएमएस, सुरेश कुमार सुखाडिया पहाडपुरा जालौर राजस्थान,  रामूस  उपाध्यक्ष राजस्थान, बिनोद बिश्रोई श्रीगंगानगर राजस्थान रोहित कल्याणा श्री गंगानगर सहित अनेक समर्थक मौजूद रहे ।

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