Category: देश

कैसे वाजिब है 70-90 घंटे काम करना?

लंबे कार्य घंटों का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए; इसके बजाय, टिकाऊ और कुशल कार्य अनुसूचियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो उत्पादकता और कर्मचारी कल्याण दोनों को बढ़ावा…

“भारत में दवा मूल्य निर्धारण का खेल : मनमानी कीमतों पर रोक कब?”

*डॉक्टर और कंपनियों का कपट जाल : दवाओं की कीमत में उछाल।* डॉक्टर बनवाते ब्रांड, 38 रुपए की दवा की एमआरपी 1200 रुपए। नियमों में कहा गया है कि केवल…

भारतीय बजट 2025: फ्री घोषणाओं पर रोक और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने पर जोर

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं भारतीय बजट 2025, जो 1 फरवरी को पेश होने वाला है, में कई महत्वपूर्ण बदलाव और रणनीतियाँ लागू हो सकती हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को और…

“क्षमा: आत्मा की शांति और रिश्तों की प्रगाढ़ता” ……… भैयाजी, मुझको माफ़ करना – गलती मुझसे हो गई।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गलती हो जाने पर क्षमा मांगना हर समस्या का तर्कसंगत समाधान है। यदि हमसे वाकई कोई गलती हो गई है, तो गंभीरता से क्षमा मांगना और…

ज्वलंत प्रश्न : युवा जोड़ों की निजता की समस्या

विवाह पूर्व सम्बंधों में रहने वाले व्यक्तियों को छोड़कर, विभिन्न लिंगों के व्यक्ति जो दोस्त, सहकर्मी या चचेरे भाई हैं, वे भी एक साथ यात्रा कर सकते हैं और उन्हें…

काम एक पैसे का नहीं, फुर्सत एक मिनट की नहीं!

व्यस्तता और फुर्सत: क्या है असल में इसका मतलब? एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया – भारतीय सामाजिक संरचना हजारों वर्षों पुरानी है, और इसके बीच हमारे पूर्वजों ने ऐसी कहावतें…

दिल्ली की जनता भाजपा को देगी सेवा का मौका : धनखड़

दिल्ली को केजरीवाल नाम की आप ‘दा’ से मिलेगी मुक्ति राष्ट्रीय सचिव औम प्रकाश धनखड़ ने नरेला में किया पार्टी के लिए प्रचार नरेला से पूर्व विधायक नीलदमन खत्री करेंगे…

तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा : आओ मन को सकारात्मक सोच में ढालें …….

– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं वर्तमान आधुनिक प्रौद्योगिकी डिजिटल युग में अंधविश्वासों और गलतफहमियों से दूर, सकारात्मक सोच रखना सफलता की कुंजी है। हम जैसा सोचते हैं, वैसा हमारा मन…

सफलता सार्वजनिक उत्सव,असफलता व्यक्तिगत विप्पति, नतीजों को मिलते पुरस्कार, कोशिशें रहती गुमनाम

परिणामों पर ज़ोर देने से क्रमिक शिक्षा और सुधार का महत्त्व कम हो जाता है, जिससे सफलता अस्थिर हो जाती है। ऋषभ पंत जैसे क्रिकेटर, जिनकी शुरुआत में असंगतता के…

हिम्मत-ए-मर्दां मदद-ए-ख़ुदा – आओ परिस्थितियों से लड़कर इतिहास रचें ……..

जो खुद में स्थिर होते हैं और हर परिस्थितियों से लड़ते हैं, वही अपने जीवन में इतिहास रचते है – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं परिचय जब हम निर्भीकता से विपत्तियों…