पटौदी को जिला बनाने के लिए अभी तक राव इंद्रजीत ने नहीं खोल पत्ते

एकाएक सबडिवीजन मानेसर को अलग जिला बनाने का मामला गरम

पाटोदी जिला बने लेकिन  ग्रेटर गुरुग्राम या फिर न्यू गुरुग्राम हो नामकरण

जिला का नामकरण मानेसर को लेकर विरोध में होती रही बैठक – पंचायत

फतह सिंह उजाला 

पटौदी / मानेसर । डबल इंजन की हरियाणा में हैट्रिक वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में नए जिले बनाए जाने की चर्चाओं में अभी तक गुरुग्राम जिला में कोई अतिरिक्त जिला बनाने का सरकारी स्तर पर संकेत नहीं मिला है। लेकिन पटौदी को जिला बनाने अथवा बनवाने की जिद लोगों के बीच में बढ़ती चली जा रही है। इसी बीच में अचानक से एक बार फिर मानेसर नामकरण से नया जिला बनाने का मुद्दा भी गरम हो रहा है। शनिवार को नया जिला बनाए जाने के मुद्दे को लेकर मानेसर और पटौदी में होने वाली पंचायत को एक प्रकार से शक्ति प्रदर्शन या फिर पावर पॉलिटिक्स भी कहा जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले नया जिला का नामकरण मानेसर के नाम पर चर्चा में आने के साथ ही पटौदी क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों के द्वारा महामंडलेश्वर धर्मदेव के सानिध्य में रामलीला मैदान में महापंचायत करते हुए मानेसर का खुलकर विरोध किया जा चुका है। अब एक बार फिर से शनिवार को मानेसर के पांच गांव की पंचायत में मानेसर को नया जिला बनाने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

10 अगस्त 2024 को जाटोली अनाज मंडी में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की रैली से पूर्व भी सर्व समाज पटौदी के द्वारा आहूत पंचायत में पटौदी को जिला बनाए जाने की मांग और इसका समर्थन किया गया। इस महापंचायत में यहां तक कहा गया कि रैली के मंच से मुख्यमंत्री के द्वारा पटौदी को जिला बनाने की घोषणा नहीं की गई तो चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। इस पंचायत में कही गई यह बात और एलान एक प्रकार से जुमला ही बनकर रह गया। 10 अगस्त 2024 को नायब सैनी ने अपने संबोधन में पटौदी को जिला बनाने का बिल्कुल भी जिक्र नहीं किया। जबकि पटौदी को जिला बनाने की पैरवी महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव के द्वारा मंच के माध्यम से की गई। समय के साथ मामला ठंडा होकर गर्म हुआ और नया जिला का नाम ग्रेटर गुरुग्राम के नाम से भी आगे चलाया गया। नया नाम ग्रेटर गुरुग्राम का भी लोगों सहित राजनीतिक तौर से विरोध जाहिर करते हुए जिला का नाम पटौदी रखा जाने को पटौदी का ऐतिहासिक गौरव व राजनीतिक प्रभाव की  पैरवी की गई। बात आगे बढ़ती हुई जिला के नामकरण को लेकर एक बार फिर से सर्व समाज की पंचायत का दौर आरंभ हो गया। सबसे बड़ी लोगों में जिज्ञासा यही है कि अभी तक केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का नया जिला के मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार का बयान नहीं आया है । जबकि पटौदी वोट बैंक सहित राजनीतिक रूप से राव इंद्रजीत सिंह के लिए सबसे मजबूत और सुरक्षित क्षेत्र है।

एक तरफ तो मानेसर को नया जिला बनाने का मामला गर्म होकर अब इस मुहिम को आगे ले जाने की ठोस रणनीति पर गंभीरता से काम शुरू हो गया।  वहीं दूसरी तरफ पटौदी को जिला बनाने पर तो लगभग सभी की सहमति है । लेकिन नया जिला का नाम करण को लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं में ही एक राय नहीं दिखाई दे रही । पटौदी के पूर्व विधायक सत्य प्रकाश के द्वारा ग्रेटर गुरुग्राम नामकरण से पटौदी तावडू धारूहेड़ा फरुखनगर इत्यादि को मिलाकर जिला बनाने की पैरवी की गई। मीडिया में उनके द्वारा यहां तक कहा जा चुका है कि पटौदी को जिला बनाए जाने की सभी औपचारिकताएं उनके कार्यकाल में पूरी की जा चुकी है। दूसरी तरफ मौजूदा विधायक विमला चौधरी के द्वारा न्यू गुरुग्राम के नाम से पटौदी को जिला बनाए जाने का मांग पत्र हरियाणा के मुख्यमंत्री और जिला निर्माण कमेटी के अध्यक्ष विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पावर को सौंपे जा चुके हैं । विधायक विमला चौधरी का यह भी कहना है कि पटौदी को नया जिला बनाए जाने के संदर्भ में मुख्यमंत्री के द्वारा जिला उपयुक्त से रिपोर्ट भी मांगी जा चुकी है। पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा भी ग्रेटर गुरुग्राम या न्यू गुरुग्राम के नाम से पटौदी को नया जिला बनाए जाने का समर्थन पत्र दिया जा चुका है। इसी प्रकार से पटौदी नगर पालिका के पूर्व सभी पार्षदों के द्वारा भी इसी प्रकार का समर्थन पत्र उपलब्ध करवाया गया है।

 पटौदी अथवा ग्रेटर गुरुग्राम या फिर न्यू गुरुग्राम के नाम से नया जिला का समर्थन करते हुए अलग-अलग लोगों के द्वारा अपने-अपने तर्क देते हुए कारण बताए जा रहे हैं । यह भी कहा जा रहा है कि गुरुग्राम आज की तारीख में विश्व पटल पर आइकॉन सिटी बना हुआ है । दूसरी तरफ पटौदी नामकरण को लेकर यह तर्क दिए जा रहे हैं कि पटौदी बहुत पहले से ही अंतरराष्ट्रीय पटेल पर खेल विशेष रूप से क्रिकेट के खेल को लेकर अपनी पहचान बनाए हुए हैं । इसके साथ ही राजनीतिक रूप से भी हरियाणा और देश की राजनीति में पटौदी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। इसका मुख्य कारण केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के स्वर्गीय पिता राव बीरेंद्र सिंह का पटौदी से विधायक बनकर दक्षिणी हरियाणा से हरियाणा का पहला मुख्यमंत्री बनाना बताया जाता है। सही मायने में राव परिवार रामपुर हाउस की राजनीति की मजबूत आधारशिला पटौदी ही है । इसी बीच में मानेसर को नया जिला बनाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि आईएमटी मानेसर औद्योगिक क्षेत्र आज विश्व में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं । यह क्षेत्र दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के साथ लगता है । यहां से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी नजदीक है । केएमपी नजदीक है, इसी कड़ी में और भी अन्य सुपर एक्सप्रेस हाईवे से मानेसर की कनेक्टिविटी बनी हुई है। बहरहाल अब देखना यह है कि शनिवार को मानेसर तथा पटौदी क्षेत्र में होने वाली नया जिला नामकरण को लेकर पंचायत में कितनी गंभीरता के साथ में क्या फैसला किया जाएगा ? इसी पर ही सभी की नज़रें लगी हुई है।

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