जिला का नाम पटौदी ग्रेटर गुरुग्राम या न्यू गुरुग्राम नाम को लेकर घमासान ग्रेटर गुरुग्राम पूर्व विधायक और न्यू गुरुग्राम मौजूदा विधायक की पहली पसंद पटौदी को जिला बनाने के संदर्भ में आश्रम हरी मंदिर में शनिवार को पंचायत मानेसर में भी शनिवार को ही नया जिला मानेसर बनाने को लेकर पंचायत फतह सिंह उजाला गुरुग्राम । डबल इंजन वाली हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम में एक और नया जिला बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सीधे-सीधे शब्दों में कहे तो पटौदी को जिला बनाने की एक प्रकार से जिद बनी हुई महसूस की जा सकती है। यह बात अलग है कि नया जिला का नाम पटौदी, ग्रेटर गुरुग्राम या फिर न्यू गुरुग्राम नामकरण पर हो या किया जाए या फिर करवाया जाए। हरियाणा प्रदेश में नए जिले बनाने की चर्चा लोकसभा चुनाव से पहले ही आरंभ हो गई थी। यह चर्चा और लोगों की मांग सहित बैठक तथा पंचायत का दौर, जोर भी अब गरमाता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी का अपना अलग ही नया जिला और नामकरण को लेकर तर्क है । उनका कहना है कि गुरुग्राम और पटौदी क्षेत्र के हालात और यहां की समस्याओं को देखते हुए मुख्य मुद्दा जिला से अधिक समस्याओं का निराकरण और जनहित में सुविधा उपलब्ध करवाने का होना चाहिए। नाम बदलने से न तो वर्षों से लटकी परियोजनाएं पूरी हो सकेंगी और ना ही समस्याओं का समाधान हो पाएगा। लेकिन इस बात का खुले दिल से समर्थन और मांग है कि समय की जरूरत को देखते हुए पटौदी विधानसभा क्षेत्र को एक नया स्वतंत्र जिला हरियाणा प्रदेश में बनाया जाना चाहिए। पटौदी का अपना एक ऐतिहासिक और राजनीतिक गौरवमय इतिहास भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है । उन्होंने कहा सत्ता पक्ष के ही नेताओं में ग्रेटर गुड़गांव और न्यू गुरुग्राम जिला का नाम को लेकर कहीं ना कहीं नामकरण पर ही वैचारिक मतभेद महसूस किए जा सकते हैं। हैरानी इस बात को लेकर भी बन गई है जिला बनाने के लिए सबसे पहले मानेसर का नाम आया। इसके विरोध में कई पंचायत हुई और पटौदी नामकरण पर जिला के लिए लोगों की सहमति बनी। इससे एक कदम और आगे चलकर नामकरण का मामला ग्रेटर गुरुग्राम और न्यू गुरुग्राम तक पहुंच गया। उन्होंने कहा विश्व स्तरीय गुरुग्राम शहर में आज एक आम आदमी के स्वास्थ्य सुविधा के लिए सामान्य अस्पताल, पूरे देश में आवागमन का केंद्र परिवहन विभाग का बस अड्डा नहीं है । पिछले 11 वर्ष में मेट्रो की विस्तार के लिए एक पिलर तक नहीं बनाया जा सका । मामूली सी बरसात होते ही पूरा शहर गुरुग्राम तालाब बन जाता है । नेशनल हाईवे पर और गुरुग्राम के चारों तरफ सड़क को मार्ग पर जाम ही जाम लोगों के जी का जंजाल बन जाता है । वास्तव में एक नया गुरुग्राम है और एक पुराना गुरुग्राम है । थोड़ा खुले मन और गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या पटौदी को ग्रेटर गुरुग्राम या न्यू गुरुग्राम के नाम से जिला बना भी दिया जाए ? तो क्या पटौदी में जो गंभीर समस्याएं हैं, वह समाप्त हो जाएगी ? पटौदी- फरुखनगर में अस्पतालों में स्टाफ नहीं, स्कूलों में पर्याप्त टीचर नहीं, खारा पानी क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या , यहां पर नहरी पानी नहीं । सबसे महत्वपूर्ण पटौदी क्षेत्र में ही देश की सबसे पहले डिफेंस यूनिवर्सिटी बिनोला में उसकी बाउंड्री वॉल के अलावा एक ईट निर्माण के लिए नहीं लग सकी । क्षेत्र में आम जनमानस को उसकी जरूरत की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए ही सरकार पर दबाव बनाना प्राथमिकता होना चाहिए। नाम बदल भी दिया जाए और समस्याएं वैसे की वैसे रहे , तो फिर अच्छे से अच्छा नाम भी बदनाम होते हुए देखे जाते रहे हैं। इसी कड़ी में सर्व समाज पटौदी के द्वारा बुलाई गई जिला बनाने के संदर्भ में पंचायत का आयोजन अब आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय में 25 जनवरी शनिवार को किया जाएगा । इस पंचायत को सफल बनाने के लिए अभियान से जुड़े हुए लोगों के द्वारा जन समर्थन के लिए गांव के दौर जारी हैं। आयोजकों का कहना है कि यह पंचायत दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आयोजित होगी। इसमें मुख्य रूप से महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव की मौजूदगी होगी और मौजूदा विधायक के अलावा अन्य राजनेताओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है। इस बात को तो सभी के द्वारा अपना अपना समर्थन दिया जा रहा है कि पटौदी को जिला बनाया जाना चाहिए । नया जिला पाटोदी बने, इसके लिए हर प्रकार से हरियाणा सरकार और नया जिला बनाए जाने वाली कमेटी के समक्ष भी मांग रखी जा रही है। इसी कड़ी में यह बात भी गौर करने वाली है कि पूर्व विधायक सत्य प्रकाश के द्वारा ग्रेटर गुरुग्राम नाम से पटौदी को जिला बनाने की औपचारिकताएं पूरी किया जाने का दावा किया जा चुका है । पूर्व विधायक सत्य प्रकाश और मौजूदा विधायक बिमला चौधरी के द्वारा न्यू गुरुग्राम नाम से, पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा ग्रेटर गुरुग्राम या न्यू गुरुग्राम के नाम से जिला बनाने के पक्ष में मांग पत्र दिए गए हैं । सरकार और नया जिला बनाए जाने वाली कमेटी के सामने ही जब पटौदी को जिला बनाने के लिए एक ही नाम की पैरवी नहीं करके अलग-अलग नाम से मांग की जा रही है, तो कमेटी किस नाम पर अपना फैसला करेगी ? यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल कहा जा सकता है । बहरहाल नया जिला बनाए जाने का फैसला और घोषणा डबल इंजन वाली हरियाणा सरकार की हैट्रिक भाजपा सरकार को करनी है । यह घोषणा हरियाणा में नए जिले बनाए जाने वाली कमेटी की सिफारिश पर ही की जाएगी। अब आम लोगों की नजरे शनिवार को होने वाली पंचायत तथा इसमें लिए जाने वाले फैसले पर टिकी हुई है। Post navigation भारत तिब्बत सहयोग मंच हर कदम पर अपने तिब्बती भाई-बहनों के साथ है: अमित गोयल रेडक्रॉस सोसायटी में बुधवार से शुरू हुआ कौशल विकास कार्यक्रम