एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

भारतीय बजट 2025, जो 1 फरवरी को पेश होने वाला है, में कई महत्वपूर्ण बदलाव और रणनीतियाँ लागू हो सकती हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ सकती हैं। एक ओर जहाँ दुनिया की नजरें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण पर हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय बजट 2025 भी देश के निवेशकों, उद्योगपतियों और आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस बजट में कुछ विशेष पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनमें फ्री घोषणाओं पर रोक, आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन, और डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूत करने की रणनीतियाँ शामिल हैं।

आयकर अधिनियम 1961 के स्थान पर नया आयकर विधेयक

भारतीय बजट 2025 में आयकर अधिनियम 1961 के स्थान पर एक नया आयकर विधेयक पेश करने की संभावना जताई जा रही है। इस नए विधेयक का उद्देश्य मौजूदा आयकर कानून को सरल बनाना और उसे आम नागरिकों के लिए समझने योग्य बनाना है। इस बदलाव से करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी और कानून को पढ़ने में होने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकेगा। इसके अलावा, इस विधेयक का उद्देश्य लगभग 60 प्रतिशत पन्नों की संख्या में कमी करना भी हो सकता है, जिससे कानून को अधिक संक्षिप्त और स्पष्ट बनाया जा सके।

फ्री घोषणाओं पर रोक और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन

बजट 2025 में “फ्री घोषणाओं पर रोक” लगाने का सुझाव दिया गया है, जिससे सरकार के संसाधनों का अधिकतम उपयोग विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में हो सके। कोविड-19 महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने सुधार देखा था, लेकिन अब इसकी गति धीमी हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार को आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक खर्च पर ध्यान केंद्रित करना होगा। बजट 2025 में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में पूंजीगत व्यय को और बढ़ाने की योजना हो सकती है।

रुपये की गिरावट और डॉलर की मजबूती

भारतीय रुपये की गिरावट के कारण विदेशी निवेशकों की चिंताएं बढ़ी हैं। हालांकि, यह गिरावट अधिकतर डॉलर की मजबूती के कारण हो रही है, क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। इस स्थिति में रुपये को प्रतिस्पर्धी विनिमय दर पर रखना निर्यात के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस बजट में रुपये को मजबूत करने की रणनीतियाँ लागू की जा सकती हैं।

आम नागरिकों के लिए कर राहत

आम नागरिकों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ कर राहत की संभावना है। विशेषकर आयकर अधिनियम की धारा 80C में छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने, हेल्थ बीमा पर छूट को दोगुना करने, और होम लोन पर ब्याज की टैक्स छूट को 3 लाख रुपये तक बढ़ाने की संभावना है। इसके अलावा, सीनियर सिटीजन के लिए आयकर स्लैब और छूट सीमा में वृद्धि की संभावना भी जताई जा रही है।

विज़न 2047 के लिए आर्थिक रणनीतियाँ

भारतीय बजट 2025 में “विजन 2047” के लिए आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने पर फोकस किया जाएगा। इसका उद्देश्य अगले 25 वर्षों में भारत को एक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। इसके तहत रोजगार सृजन, कृषि उत्पादकता में वृद्धि, कौशल विकास, और टैक्स सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।

निष्कर्ष

भारतीय बजट 2025 में फ्री घोषणाओं पर रोक, आयकर विधेयक में बदलाव, और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने पर फोकस किया जाएगा। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों को उठाने का अवसर प्रदान करेगा। वित्त मंत्री द्वारा यह बजट पेश करने के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि किस प्रकार के सुधार और राहत योजनाएं लागू की जाती हैं, जो देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने में मदद करेंगी।

*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र*

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