Tag: लाल किले

पुलिसतंत्र या लोकतंत्र

— आंदोलन में लोगों की व्यक्तिगत संपत्तियों को क्षति पहुंचाने का अधिकार किसने दिया— यही जाबांज दिल्ली पुलिस वकील आंदोलन के आगे क्यों विवश हो गई थी?— आमतौर पर पुलिस…

आसान नहीं है किसानों के चट्टानी इरादे तोड़ना

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक आशंकाएँ बेबुनियाद साबित हुईं। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में, खासतौर से लाल किले पर जो हुआ उससे आंदोलन कमज़ोर पड़ने की आशंका उभरने लगी थी। किसानों…

एक दिन फिर दौड़ेगा लोकतंत्र

— संघर्ष से ही लोकतंत्र मजबूत होता है, षडयंत्रों को काटकर ही निखरता है।— कल लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक दिन था। अशोक कुमार कोशिक यह बात कई बार महसूस हुई…

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