नानक साहब कुल मालिक के रूप थे जिन्होंने देह धारण कर इस जीव के कल्याण का मार्ग सुझाया
परहित से बढ़ कर ना कोई कर्म है ना कोई धर्म : कंवर साहेब बुरे आदमी का एक छोटा सा विचार भी आपकी अच्छाई को डिगा सकता है। इस दौरान…
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परहित से बढ़ कर ना कोई कर्म है ना कोई धर्म : कंवर साहेब बुरे आदमी का एक छोटा सा विचार भी आपकी अच्छाई को डिगा सकता है। इस दौरान…
समर्पण और अच्छे गुणों की शुरुआत घर से होती है सच्चे गुरु की संगत से ही सत्संग मिलता है चरखी दादरी/भिवानी जयवीर फौगाट, 7 नवंबर, संत शिरोमणि गुरु नानक देव…