गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को उम्रकैद

6 साल पहले 23 गोलियां मारकर महिला का किया था मर्डर
सजा के वक्त पपला खुद कोर्ट में रहा हाजिर
गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बिमला मर्डर केस में आज नारनौल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।नारनौल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर जीवन की कोर्ट ने पपला गुर्जर के खिलाफ सजा का ऐलान किया।

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। हरियाणा और राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बिमला मर्डर केस में हरियाणा की नारनौल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई तथा 10 हजार का जुर्माना भी लगाया। नारनौल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर जीवन की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले के वक्त गैंगस्टर पपला खुद कोर्ट में मौजूद रहा। उसे भारी सुरक्षा कवच के बीच कोर्ट में लाया गया था। पपला को एक दिन पहले ही कोर्ट ने दोषी करार दिया था। बिमला की 6 साल पहले पपला गुर्जर ने 23 गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस केस में 6 आरोपी संदेह के लाभ के चलते 3 साल पहले ही बरी हो चुके है।

क्या था पूरा मामला?
महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने 21 अगस्त 2015 की रात अपने ही गांव की बिमला (65) को घर में घुसकर गोलियों से छलनी कर दिया था। बिमला की हत्या का आरोप उसके गांव के गैंगस्टर बिक्रम उर्फ पपला पर लगा था। महेन्द्रगढ़ सदर थाने में उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था। महेन्द्रगढ़ सदर थाना में उसके खिलाफ 148, 149, 302, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन 5 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेशी के दौरान पपला के साथी उसे अंधाधुंध फायरिंग करके छुड़ाकर ले गए थे। इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत भी हुई थी। इस मामले में 12 अप्रैल 2018 को संदेह के लाभ के चलते 6 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था।

पीड़ित पक्ष के एडवोकेट अजय चौधरी ने बताया कि पपला को एफएसएल, बिमला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मौके पर मौजूद बिमला के देवर दुड़ाराम की गवाही के आधार पर दोषी ठहराया गया है । एफएसएल  रिपोर्ट में बिमला को 23 गोलियां मारने के साथ ही दो हथियार इस्तेमाल होने की बात सामने आई थी। एक 9 एम एम पिस्टल और दूसरा देसी कट्‌टे की गोलियां उसके शरीर से निकाली गई थीं। 

पीड़ित पक्ष के वकील ने फांसी की अपील की
पीड़ित पक्ष के एडवोकेट अजय चौधरी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के समक्ष सजा की बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व बेअंत सिंह हत्याकांड का हवाला देकर बिमला मर्डर केस को जघन्य अपराध मानते हुए पपला गुर्जर को फांसी की सजा दिए जाने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने गैंगस्टर पपला गुर्जर को उम्रकैद की सजा दी है।

कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंचा पपला
दरअसल, मंगलवार को नारनौल कोर्ट में काफी गहमागहमी रही। सुबह से ही कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। करीब 11 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच ही नसीबपुर जेल से गैंगस्टर पपला गुर्जर नारनौल कोर्ट पहुंचा। उसके बाद उसे न्यायाधीश सुधीर जीवन की कोर्ट में पेश ले जाया गया। करीब डेढ़ घंटे तक पपला की सजा पर बहस हुई और फिर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

29 सितंबर को नारनौल शिफ्ट हुआ
विक्रम उर्फ पपला पर राजस्थान में भी कई मामले दर्ज है। हरियाणा पुलिस के इस वांछित बदमाश को 6 सितंबर 2019 को चेकिंग के दौरान राजस्थान की बहरोड़ थाना पुलिस ने मोटी रकम के साथ हिरासत में लिया था, लेकिन उस वक्त पुलिस पपला को पहचानने में गच्चा खा गई थी। उसे सामान्य बदमाश समझ कर बहरोड़ थाने के लॉकअप में रखा गया था। उसी अलसुबह पपला के साथियों ने एके-47 से बहरोड़ थाना पर हमला बोलते हुए पपला को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था। इस फरारी ने राजस्थान पुलिस के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी थी। लंबी तलाश और काफी मशक्कत के साथ पपला को इसी साल 28 जनवरी को राजस्थान की स्पेशल पुलिस फोर्स ने महाराष्ट्र को कोल्हापुर से उसकी गर्लफ्रेंड जिया के साथ अरेस्ट किया था। उसके बाद से ही पपला अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था।

6 साल पुराने बिमला मर्डर केस में पपला के वकीलों ने नारनौल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पपला को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की अपील की थी। कोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर 29 सितंबर को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। 29 सितंबर को पेशी के बाद एएसजे सुधीर जीवन ने पपला को नसीबपुर जेल में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। उसके बाद से ही पपला नसीबपुर जेल में बंद है। कई महीने अजमेर जेल में काटने के बाद अब पपला को नारनौल की नसीबपुर जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।

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