कनीना गैंगरेप तीन मुख्य आरोपियों को दोषी करार दिया

शुक्रवार को होगा सजा का ऐलान
 – पांच आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल।  कनीना क्षेत्र के बहुचर्चित गैंगरेप में 8 आरोपियों में से 5 को किया बरी तीन गैंगरेप में दोषी करार दिया गया है। इन्हे कल सुनाई जाएगी सजा। गत  2018 को 12 सितम्बर को पीड़िता अपने पिता के साथ स्कूल बस में सवार होकर कोचिंग के लिए आई थी। जो बस स्टैंड से बस से उतरकर अपने कोचिंग सेंटर जा रही थी तो उन्हीं के गांव के पंकज पुत्र बालकिशन तथा मनीष पुत्र ओम प्रकाश रास्ते में मिले।

 उन्होंने पीड़िता को पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया। जिसके बाद उसे एक गाड़ी में बिठाकर एक कुआ पर लेकर गये। जहां पर दोषियों ने पंकज, नवीन और निशू इन तीनों व्यक्तियों ने पीड़िता के साथ गैंगरेप किया। गैंगरेप के बाद पीड़िता की हालत खराब हो जाने का पर इन लोगों ने गांव के ही एक चिकित्सक संजीव को घटनास्थल पर बुलाया। चिकित्सक ने पीड़िता का प्राथमिक उपचार देकर मौके से चला गया। आरोपी दीनदयाल पर आईपीसी की धारा 118 व 120 बी का चार्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि जिस ट्यूबेल पर गैंगरेप हुआ है। वह उसका है इसके अलावा संजीव पर धारा 118 आईपीसी नवीन पर 202 आईपीसी तथा अभिषेक व मनजीत को मनीष व पंकज को शरण देने यानी आईपीसी की धारा 216 के तहत चार्ज फ्रेम किया गया था । प्रॉसीक्यूशन कुल 33 गवाहों को अदालत के समक्ष पेश किया. सभी गवाहों ने प्रॉसीक्यूशन को सपोर्ट किया।

 दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद महिलाओं के विरुद्ध अपराध की स्पेशल कोर्ट की इंचार्ज एडीशनल सेशन जज मोना सिंह की अदालत ने तीन मुख्य आरोपियों मनीष, पंकज व नीशु को गैंग रेप का दोषी करार दिया है तथा बाकी पांच अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। जिन पर गैंगरेप का आरोप नहीं था। अब 29 अक्टूबर को क्वांटम ऑफ सेंटेंस के लिए तारीख मुकर्रर की गई है। इस केस में शिकायतकर्ता को न्याय दिलवाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं चेयरमैन ने कर्ण सिंह यादव एडवोकेट को उपरोक्त केस की पैरवी पीड़ित पक्ष की तरफ से करने के लिए नियुक्त किया था। जिस पर पीड़ित पक्ष की पैरवी करते हैं करण सिंह ने उपरोक्त मुकदमा की पैरवी की। करण सिंह यादव ने बताया कि यह केस उन्होंने निशुल्क  लड़ा है।

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